ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अब पाकिस्तान का आधिकारिक डोजियर ही यह साबित कर रहा है कि भारत ने जितना बताया था, उससे कहीं अधिक गहरा और व्यापक प्रहार किया। यह पाकिस्तान की रणनीतिक पराजय की एक आंतरिक स्वीकारोक्ति है, जो भारत की सैन्य क्षमताओं, रणनीति और निर्णायक नीति को मजबूती से रेखांकित करता है।
मुख्य खुलासे:
भारत का हमला — सीमित नहीं, निर्णायक था:
- पाकिस्तान के डोजियर में 28 टारगेट्स का जिक्र है, जबकि भारत ने सिर्फ 20 की जानकारी दी थी।
- डोजियर के अनुसार हमलों में शामिल स्थान:
- पेशावर, झांग, हैदराबाद (सिंध), गुजरांवाला, गुजरात, भवालनगर, अटक और छोर (पंजाब क्षेत्र)।
- इन इलाकों का जिक्र भारतीय वायुसेना की प्रेस ब्रीफिंग में नहीं किया गया था।
सैटेलाइट तस्वीरों से पुष्टि:
- मैक्सार टेक्नोलॉजीज द्वारा जारी सैटेलाइट इमेज में दिखा:
- बहावलपुर: जैश-ए-मोहम्मद मुख्यालय तबाह।
- मुरीदके: लश्कर-ए-तैयबा का ट्रेनिंग सेंटर।
- पीओके के कई शहरों: मुजफ्फराबाद, रावलकोट, कोटली, चकवाल, नीलम घाटी आदि में तबाही।
पाकिस्तानी एयरबेस पर हमला:
- 11 हवाई ठिकाने भारतीय हमले का निशाना बने:
- नूर खान, रफीकी, मुरीद, सुक्कुर, सियालकोट, पसरूर, चुनियन, सरगोधा, स्कारू, भोलारी, जैकोबाबाद।
- यह हमला केवल आतंकियों पर नहीं, बल्कि पाकिस्तान की सैन्य संरचना पर भी किया गया।
भारत की नीति में बड़ा बदलाव:
भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी आतंकी हमले को अब युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा — और उसका उत्तर सैन्य स्तर पर ही मिलेगा।
यह रणनीति दिखाती है:
- निरोधक शक्ति (Deterrence) का सफल प्रयोग।
- दुश्मन को चौकाने की रणनीति (Surprise & Depth Attack)।
- घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक संतुलन के साथ सैन्य आक्रामकता।
पाकिस्तान की स्थिति:
बिंदु | विवरण |
---|---|
राजनैतिक दबाव | अंतरराष्ट्रीय समुदाय में जवाबदेही का डर |
सैन्य नुकसान | एयरबेस, टेरर कैंप, ट्रेनिंग बेस ध्वस्त |
नैरेटिव पराजय | खुद के दस्तावेज़ से भारत की बढ़त उजागर |
सीजफायर की मजबूरी | 3 दिन के भीतर पीछे हटना पड़ा |
निष्कर्ष: भारत का स्पष्ट संदेश
“अगर तुम छेड़ोगे, तो हम छोड़ेंगे नहीं।”
- भारत अब डिफेंसिव नहीं, प्रो-एक्टिव और प्री-एम्पटिव सैन्य रणनीति अपना रहा है।
- यह ऑपरेशन नई भारत की सैन्य नीति का प्रतीक है — दृढ़, निर्णायक और परिणामकारी।