प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश के सबसे कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में से एक — जम्मू और कश्मीर — में ऐतिहासिक कदम उठाते हुए कटरा और श्रीनगर के बीच पहली वंदे भारत ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई। यह सेवा जम्मू क्षेत्र और कश्मीर घाटी के बीच पहली सीधी रेल कनेक्टिविटी स्थापित करती है और देश के सबसे चुनौतीपूर्ण रेलवे परियोजनाओं में से एक को साकार करती है। इस ट्रेन सेवा की विशेष बात यह है कि इसका मार्ग भारत की सबसे लंबी परिवहन सुरंग टी-50 से होकर गुजरता है, जिसकी लंबाई 12.77 किलोमीटर है और जो खारी और सुंबर के बीच स्थित है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने X पर इसका वीडियो साझा करते हुए बताया कि यह सुरंग न केवल एक अभियांत्रिकी चमत्कार है, बल्कि भारत की रेल संपर्क क्रांति का प्रतीक भी है।
इसके अलावा, इस रूट पर भारत की दूसरी सबसे लंबी सुरंग — टी-80 — भी स्थित है, जिसे बनिहाल और काजीगुंड के बीच पीर पंजाल रेलवे सुरंग के नाम से जाना जाता है और जिसकी लंबाई 11.22 किलोमीटर है। इन सुरंगों के साथ-साथ इस रेल मार्ग पर दो इंजीनियरिंग चमत्कार और हैं — चिनाब पुल और अंजी पुल। चिनाब पुल, जिसकी ऊंचाई 359 मीटर है, एफिल टॉवर से भी ऊंचा है और यह दुनिया का सबसे ऊंचा मेहराबदार रेलवे पुल माना जाता है। इस रेलमार्ग की कुल लंबाई 111 किमी है, जिसमें से 97 किमी हिस्सा सुरंगों से और लगभग 7 किमी हिस्सा पुलों से होकर गुजरता है, जो इस परियोजना को एक तकनीकी महायज्ञ बना देता है।
T-50 (J&K) the longest transportation tunnel of India.
👌12.77 km pic.twitter.com/gPbabcPTBR
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) June 6, 2025
रेल मंत्री वैष्णव ने इस अवसर पर कहा कि decades से जम्मू-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लाइन का सपना देखा जा रहा था, लेकिन भौगोलिक और भूगर्भीय चुनौतियों के कारण यह सपना अधूरा था। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति और राजनीतिक संकल्प के कारण ही यह सपना साकार हो पाया। 2014 के बाद इस परियोजना में तेजी आई और कटरा-बनिहाल खंड पर कार्य शुरू हुआ। हिमालय की कठोर चट्टानों के बीच सुरंगों के निर्माण में भारतीय अभियंताओं ने नई तकनीकों और नवाचारों का प्रयोग किया।
रेल मंत्री ने इस ऐतिहासिक दिन को “मां भारती के मुकुट में एक और रत्न” बताया और कहा कि यह सिर्फ एक ट्रेन सेवा नहीं, बल्कि एक राष्ट्र के संकल्प, विज्ञान, तकनीक और समर्पण की गाथा है। उन्होंने कटरा से ट्रेन की शुरुआत की घोषणा के साथ यह भी बताया कि सितंबर 2025 से यह सेवा जम्मू स्टेशन से शुरू होगी, जहां फिलहाल तीन नए प्लेटफार्मों का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
इस परियोजना से न केवल जम्मू-कश्मीर के लोगों को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास, पर्यटन और आर्थिक अवसरों को भी नए पंख देगा। यह वंदे भारत ट्रेन न केवल यात्रियों के लिए एक नई सुविधा है, बल्कि यह भारत की रेलवे क्षमता और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी बन गई है।