नई दिल्ली: भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है, जिसमें मास्टरमाइंड के तौर पर पाकिस्तान पुलिस का पूर्व सब-इंस्पेक्टर नासिर ढिल्लो सामने आया है। नासिर ढिल्लो, जो पुलिस सेवा से रिटायर होने के बाद यूट्यूब चैनल चला रहा था, दरअसल ISI और पाकिस्तानी सेना के इशारे पर भारत के यूट्यूबर्स से दोस्ती गांठकर उनसे सेना और सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारियां हासिल करने में लगा हुआ था।
जांच एजेंसियों के अनुसार, नासिर ढिल्लो ने भारत के कई यूट्यूबर्स को अपने प्रभाव में लिया और उन्हें ISI एजेंटों से मिलवाकर धीरे-धीरे सूचनाएं जुटाने का टास्क दिया। इस कड़ी में ज्योति मल्होत्रा नाम की यूट्यूबर का नाम सामने आया है, जो नासिर के संपर्क में थी और दोनों ने मिलकर एक पॉडकास्ट भी किया था। इस पॉडकास्ट में ज्योति को पाकिस्तानियों की खुलेआम तारीफ करते हुए देखा गया, जिससे उसकी नीयत और मंशा को लेकर संदेह और गहरा हो गया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, ज्योति की नासिर से मुलाकात पाकिस्तान के लाहौर शहर में हुई थी, और उस वक्त उसके साथ जसबीर सिंह उर्फ जान महल भी मौजूद था, जिसे पहले ही जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है। पॉडकास्ट के दौरान नासिर ने ज्योति से लाहौर के मशहूर अनारकली बाजार में घूमने और खाने-पीने को लेकर सवाल पूछे थे। जवाब में ज्योति ने बताया कि उसने वहां क्या-क्या खाया, कहाँ गई, और किन लोगों से मुलाकात की। इस वीडियो में ज्योति पारंपरिक भारतीय साड़ी पहने और काला चश्मा लगाए पाकिस्तानी बाजारों में घूमती और लोगों से मिलती-जुलती नजर आई, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल भी हुआ।
जांच में यह भी सामने आया है कि नासिर ढिल्लो के संबंध एक अन्य व्यक्ति दानिश से भी थे, जिसे लेकर एजेंसियों को संदेह है कि वह भी इस जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। नासिर ने ज्योति जैसे कई भारतीय नागरिकों से संपर्क साधा, जिनमें से कुछ सोशल मीडिया पर एक्टिव यूट्यूबर्स थे। उन्हें पहले दोस्ती के जरिए अपने भरोसे में लिया गया, फिर ISI एजेंटों से मिलवाया गया, और अंततः उनसे भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठानों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी जुटाने के लिए प्रेरित किया गया।
यह मामला केवल एक जासूसी नेटवर्क तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत की आंतरिक सुरक्षा में सोशल मीडिया के जरिए हो रही सेंध का गंभीर उदाहरण है। एजेंसियों ने इस प्रकरण की जांच को तेज कर दिया है और अब अन्य संभावित “हमराज़ों” की भी तलाश की जा रही है जो नासिर ढिल्लो के संपर्क में थे। इससे यह भी स्पष्ट हो गया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां सोशल मीडिया और यूट्यूब जैसे माध्यमों का प्रयोग कर भारत में अपने नेटवर्क को सक्रिय रखने की कोशिशों में लगी हुई हैं।