इजरायली सेना (IDF) ने गाजा पट्टी पर एक बड़ा और घातक हवाई हमला किया, जिसमें कम से कम 34 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई। अल-जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार यह हमला अब तक के सबसे विनाशकारी हमलों में से एक माना जा रहा है। स्थानीय अस्पतालों और राहत संगठनों ने मृतकों की पुष्टि की है, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। गाजा में इजरायली हमलों के चलते संकट और मानवीय त्रासदी लगातार बढ़ती जा रही है।
बंधक का शव बरामद
इजरायली सेना ने जानकारी दी है कि इस अभियान के दौरान थाईलैंड के एक नागरिक का शव भी बरामद किया गया, जिसे हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को अपहृत किया था। उस दिन हमास के आतंकियों ने इजरायल में 1200 लोगों की निर्मम हत्या की थी और 238 इजरायली नागरिकों व कुछ विदेशी नागरिकों को बंधक बना लिया था। उसी के जवाब में इजरायल ने गाजा पर व्यापक सैन्य कार्रवाई शुरू की थी, जो अब तक जारी है।
संघर्ष विराम का अंत और दोबारा हमला
19 जनवरी 2025 को कतर की मध्यस्थता में इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम घोषित किया गया था। लेकिन इसके बाद बंधकों की रिहाई को लेकर हमास ने कड़ी शर्तें रख दीं और उन्हें पूरा न होने पर बंधकों को रिहा करने से इनकार कर दिया। इसके बाद इजरायली सेना ने दोबारा जमीनी और हवाई हमले तेज कर दिए। अब तक इजरायली सेना ने गाजा के कई हिस्सों पर पूर्ण सैन्य नियंत्रण स्थापित कर लिया है।
मानवीय संकट गहराया
गाजा में निरंतर बमबारी, खाद्य सामग्री और दवाओं की भारी कमी, बिजली और पानी की आपूर्ति ठप होने से मानवीय संकट चरम पर पहुंच गया है। हजारों लोग बेघर और विस्थापित हो चुके हैं। अस्पतालों में जगह नहीं है और शवों को दफनाने की व्यवस्था भी टूट गई है।
इजरायली सेना के हालिया आक्रमण से यह स्पष्ट है कि गाजा संकट अब एक लंबे युद्ध में तब्दील हो चुका है। बंधकों की वापसी और सुरक्षा की चिंताओं के चलते इजरायल हर तरह के सैन्य विकल्पों को प्रयोग में ला रहा है, जबकि दूसरी ओर फिलिस्तीनी जनता एक भयावह मानवीय त्रासदी का सामना कर रही है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मध्यस्थता की कोशिशें अभी तक असफल रही हैं, जिससे यह संघर्ष और भी जटिल और खतरनाक होता जा रहा है।