योगी सरकार का शिक्षामित्रों को तोहफा, मूल विद्यालय में वापसी से मिलेगी बड़ी राहत
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश के शिक्षामित्रों को एक बड़ी सौगात दी है। अब वे अपने मूल विद्यालय में वापस जाकर कार्य कर सकेंगे, जिससे न केवल समय और पैसा बचेगा बल्कि पारिवारिक और मानसिक तनाव भी कम होगा। खासकर उन्नाव जिले के लगभग 300 शिक्षामित्रों को इसका सीधा लाभ मिलेगा, जबकि पूरे प्रदेश में यह राहत लगभग 3300 शिक्षामित्रों को प्रदान की गई है।
प्रदेश सरकार द्वारा तीन जनवरी 2025 को जारी शासनादेश के तहत शिक्षामित्रों को उनके मूल विद्यालय में स्थानांतरण और समायोजन की अनुमति दी गई है। इस निर्णय के अनुसार, वे शिक्षामित्र जो पहले अपने ग्राम पंचायत या ग्रा
म सभा के विद्यालय में कार्यरत थे, लेकिन समायोजन के बाद जिले के अन्य ब्लॉकों में 80–100 किलोमीटर दूर भेज दिए गए थे, अब दोबारा अपने नजदीकी विद्यालयों में सेवाएं दे सकेंगे।
सरकार ने यह स्थानांतरण तीन चरणों में लागू किया है। खास ध्यान महिला शिक्षामित्रों पर भी दिया गया है। उन्हें उनके मायके, ससुराल या पति के कार्यस्थल, चाहे वह अंतरजनपदीय क्षेत्र में ही क्यों न हो, भेजे जाने की व्यवस्था की गई है।
शासनादेश जारी होने के बाद स्कूल शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने विस्तृत कार्यक्रम की अनुमति मांगी थी, जिसे अब मंजूरी मिल गई है। इसके तहत परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्र अब अपने मूल या उसके आसपास के विद्यालयों में स्थानांतरित होकर कार्य कर सकेंगे।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिलाध्यक्ष एवं प्रदेश सचिव सुधाकर तिवारी ने इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों की यह लंबे समय से चली आ रही मांग अब पूरी हुई है, जिससे उनके जीवन में स्थायित्व और संतुलन आएगा।
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