केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अगले तीन सालों में भारत का फिनटेक मार्केट ₹3.5 लाख करोड़ की हो जाएगी। उन्होने फिनटेक बाजार में सालाना 30 फीसदी वृद्धि की उम्मीद जताई है।
वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय फिनटेक इनोवेशन में विश्वस्तरीय क्वालिटी उत्पाद बनाने की क्षमता है। फिनटेक कंपनियाँ देश के ग्रामीण क्षेत्रों को न केवल एक सामाजिक जिम्मेदारी की तरह लें, बल्कि नए बाजार अवसर के रूप में भी देख सकते हैं। इन कंपनियों को अब ‘मेक इन इंडिया’ के साथ-साथ ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ भी बनना चाहिए।
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ‘‘सीतारमण ने आश्वासन दिया कि सरकार फिनटेक उद्योग को समर्थन देना जारी रखेगी।’’
डिजिटल पेमेंट्स अवॉर्ड्स 2025 देने के मौके पर उन्होने कहा, भारत में फिनटेक क्रांति और भी फलेगी-फूलेगी। इस क्षेत्र में ‘काफी बड़ा’ अवसर अभी भी हैं। उन्होंने कहा, “मेरा विश्वास है कि इसके सर्वश्रेष्ठ अध्याय अभी लिखे जाने बाकी हैं।” उन्होने सभी नागरिकों को इससे जोड़ने और दुनिया को दिशा देने का आह्वान किया।
Smt @nsitharaman interacted with Founders, CEOs and senior leaders of various Fintech companies during the Digital Payments Awards 2025 in New Delhi.
She assured that the government will continue to support Fintech industry.
Hon'ble Minister of State for Finance Shri… pic.twitter.com/jEjNdgPMGW
— Nirmala Sitharaman Office (@nsitharamanoffc) June 18, 2025
विश्व बैंक के एक रिपोर्ट का हवाले देते हुए उन्होंने कहा कि डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए भारत पिछले 6 साल में 80 फीसदी वित्तीय समावेशन दर हासिल की है। वित्त मंत्री ने कहा, ” भारत अब डिजिटल भुगतान के लेनेदेन का करीब आधा हिस्सा यानी 48.5 फीसदी यूपीआई से कर रहा है” इतना ही नहीं दुनियाभर में 35 करोड़ से ज्यादा यूजर यूपीआई इकोसिस्टम का इस्तेमाल कर रहे हैं। दुनिया के कई देश जैसे भूटान, फ्रांस, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर,श्रीलंका और यूएई अब यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं।
वित्त मंत्री के मुताबिक भारत में जितना इनोवेशन हो रहा है वो दूसरे देशों के लिए सपने से कम नहीं है। उन्होंने कहा, “कई उन्नत देश हमारी फिनटेक कंपनियों द्वारा बनाए गए रफ्तार के करीब भी नहीं हैं, यह भारतीय फिनटेक क्षेत्र के लिए बहुत ही काबिले तारीफ है,”
भारत की कंपनियों और एक्सपोर्टरों का लक्ष्य अब ग्लोबल मार्केट पर कब्जा होना चाहिए। हमारे पास टैलेंट है, उच्च मापदंड और हर समस्या का समाधान मौजूद हैं।
कोरोना महामारी के दौरान ऑनलाइन पेमेंट ऐप लाइफलाइन बन गयी। जब सभी अपने घर में बंद थे और बाहर सुनसान था तो बगैर संपर्क में आए भुगतान और डोरस्टेप बैंकिंग को मजबूत किया गया। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार, भारत का डिजिटल भुगतान सूचकांक, जो डिजिटल भुगतान के समग्र उपयोग को मापता है, पिछले पाँच वर्षों में चौगुना हो गया है, 2018 में 100 से 2024 में 465 तक। दुनिया के सभी डिजिटल भुगतान लेनदेन का 48.5% से अधिक भारत में होता है। 35 करोड़ से अधिक यूजर्स UPI का इस्तेमाल करते हैं।
हमारी यूट्यूब चैनल को लाइक, शेयर और सब्सक्राइब करे
Like, Share and Subscribe our YouTube channel