ईरान और इजरायल के बीच तनाव के चलते भारत का ‘ऑपरेशन सिंधु’ जारी है। शुक्रवार (20 जून 2025) देर रात 290 भारतीयों को लेकर पहला विमान दिल्ली पहुँचा। इनमें ज़्यादातर जम्मू-कश्मीर के छात्र हैं।
ईरान ने विशेष रूप से 1,000 भारतीयों की निकासी के लिए अपना हवाई क्षेत्र खोला है। शनिवार (21 जून 2025) सुबह भी एक और उड़ान से भारतीय दिल्ली पहुँचे। एयरपोर्ट पर उतरते ही यात्रियों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए और सरकार को धन्यवाद दिया।
चिकित्सा जाँच व अन्य सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई गईं। बाकी भारतीयों को लाने के लिए माशहद से दो और, और अश्गाबात से एक अन्य उड़ान आनी है।
इससे पहले, ऑपरेशन सिंधु के तहत 18 जून 2025 को उत्तरी ईरान से 110 भारतीय छात्रों को सफलतापूर्वक निकालकर आर्मेनिया पहुँचाया गया था, जहाँ से उन्हें विशेष विमान के माध्यम से भारत लाया गया।
#WATCH दिल्ली: ईरान से भारत लौटे ज़फ़र अब्बास नक़वी ने बताया, "…जब हमले होने लगे तब हमने हमने भारत सरकार से संपर्क किया। कार्रवाई इतनी तेज़ी से हुई कि हम शब्दों में अपना आभार व्यक्त नहीं कर सकते। प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश CM योगी आदित्यनाथ को बहुत बहुत धन्यवाद देता हूं… pic.twitter.com/sqZiCGgwKO
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 21, 2025
ऑपरेशन सिंधु क्या है?
‘ऑपरेशन सिंधु’ भारत सरकार के जरिए चलाया गया एक विशेष राहत अभियान है, जिसका उद्देश्य ईरान में फँसे भारतीयों को सुरक्षित निकालना है। यह कदम तब उठाया गया है जब ईरान और इज़राइल के बीच सैन्य तनाव लगातार बढ़ रहा है और स्थानीय स्थिति अस्थिर होती जा रही है।
यह अभियान विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मोदी सरकार के तहत पिछले 11 सालों में चलाए गए प्रमुख बचाव अभियान
मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से, भारत ने विदेशों में फँसे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए कई बड़े और सफल अभियान चलाए हैं। यह सरकार की ‘पहले नागरिक’ की नीति का एक स्पष्ट प्रमाण है। कुछ प्रमुख अभियानों में शामिल हैं।
- ऑपरेशन राहत (2015): यमन से 4,640 भारतीयों और 41 देशों के 960 विदेशियों को बचाया गया।
- ऑपरेशन मैत्री (2015): नेपाल भूकंप के बाद 43,000 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित निकाला और बड़े पैमाने पर राहत सामग्री पहुँचाई।
- ऑपरेशन संकट मोचन (2016): दक्षिण सूडान में संघर्ष के दौरान 300 भारतीयों और कुछ नेपाली नागरिकों को बचाया गया।
- 2019: लीबिया से CRPF टुकड़ी और 500 से ज़्यादा भारतीय निकाले गए।
- ऑपरेशन समुद्र सेतु (2020)- कोविड-19 महामारी के दौरान भारतीय नौसेना के जरिए तीन देशों मालदीव, ईरान और श्रीलंका से 3,992 भारतीयों को वापस लाया।
- वंदे भारत मिशन (2020)- COVID-19 महामारी में विदेशों में फँसे 67.5 लाख से अधिक भारतीय नागरिकों को वापस लाया गया।
- ऑपरेशन देवी शक्ति (2021)- अफ़गानिस्तान से 500 से ज़्यादा भारतीय और 110 अफ़गान सिख निकाले गए।
- ऑपरेशन गंगा (2022)- यूक्रेन से 18,282 भारतीय और 18 देशों के 147 विदेशी निकाले गए।
- ऑपरेशन कावेरी (2023)- सूडान से 3,961 भारतीय और 136 विदेशी निकाले गए।
- ऑपरेशन दोस्त (2023)- तुर्की और सीरिया में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारत ने सहायता पहुँचाई।
- ऑपरेशन अजय (2023)- इज़रायल से 1,300 से ज़्यादा भारतीय और कई विदेशी नागरिक निकाले गए।
- ऑपरेशन ब्रह्मा (2025)- म्यांमार में आए तीव्र भूकंप के बाद भारत ने 5 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला।
मंगल से भी लाएँगे भारतीय- सुषमा स्वराज
अगर कोई भारतीय मंगल ग्रह पर भी फँस जाए, तो उसे सुरक्षित वापस लाया जाएगा। यह कोई कोरी कल्पना नहीं, बल्कि मोदी सरकार की अपने नागरिकों को प्राथमिकता देने की नीति का प्रमाण है।
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने कार्यकाल में यह बात कहकर भारतीयों का दिल जीत लिया था। सुषमा स्वराज ने स्पष्ट किया था कि भारतीय दूतावास दुनिया के किसी भी कोने में फँसे भारतीय नागरिकों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहेंगे, चाहे वो कितनी भी दूर क्यों न हों।
यह दर्शाता है कि मोदी सरकार हर भारतीय की सुरक्षा और कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है, और उन्हें किसी भी स्थिति में, दुनिया के किसी भी कोने से सुरक्षित घर लाने के लिए हर संभव प्रयास करती है।
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