उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। कई इलाकों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने तबाही मचाई है, जिससे सड़कें बंद हो गई हैं और कई जगह आपात स्थिति उत्पन्न हो गई है। उत्तराखंड में मौसम विभाग ने देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और उधम सिंह नगर सहित नौ जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। तेज बारिश और भूस्खलन के चलते एक दिन के लिए चारधाम यात्रा रोक दी गई थी, जिसे अब बहाल कर दिया गया है, लेकिन तीर्थयात्रियों को जहां हैं, वहीं रुकने और सुरक्षित रहने की सलाह दी गई है।
गंगोत्री, यमुनोत्री और बद्रीनाथ हाईवे पर कई स्थानों पर मलबा गिरने और भूस्खलन के कारण रास्ते अवरुद्ध हैं। रुद्रप्रयाग में केदारनाथ जाने वाले श्रद्धालुओं को सोनप्रयाग में रोक दिया गया है, जबकि आदि कैलाश यात्रा मार्ग भी चट्टानें गिरने से बंद हो गया है। उत्तरकाशी के सिलाई बैंड क्षेत्र में भूस्खलन से 9 मजदूर लापता हो गए हैं, जिन्हें खोजने के लिए SDRF, NDRF और अन्य राहत टीमें जुटी हुई हैं। पुरोला कस्बे में जलभराव से दुकानों में पानी घुस गया है, जिससे व्यापारियों को नुकसान हुआ है।
#WATCH | Kullu, Himachal Pradesh | IMD issues a yellow alert for Kullu as the state continues to receive heavy rainfall. pic.twitter.com/A71nfgEyML
— ANI (@ANI) June 30, 2025
हिमाचल प्रदेश में भी हालात गंभीर हैं। कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि अन्य जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट है। राज्य में अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है, 66 घायल हुए हैं और 4 लोग लापता हैं। शिमला के रामपुर में सुबह 3 बजे बादल फटने से मकानों और गौशालाओं को भारी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने लोगों से प्रशासन के निर्देशों का पालन करने और अत्यधिक सावधानी बरतने की अपील की है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें, नदियों या भूस्खलन वाले क्षेत्रों में न जाएं और अफवाहों से बचकर केवल सरकारी सूचनाओं पर भरोसा करें।
हमारी यूट्यूब चैनल को लाइक, शेयर और सब्सक्राइब करे
Like, Share and Subscribe our YouTube channel