भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी ठिकानों पर हमले को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। हाल ही में सामने आई नई सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि इन हमलों में आतंकवादी शिविरों को इतना नुकसान हुआ कि पूरे एरिया दो हिस्सों में बंट गए।
सैटेलाइट इमेजरी में दो प्रमुख कैंप की स्थिति दिखाई गई है:
सैयदना बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद (तंगधार से 36 किमी पश्चिम):
यह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े आतंकियों का ठिकाना था, जहां हथियार, विस्फोटक और जंगल युद्ध की ट्रेनिंग दी जाती थी।
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- हमला 7 मई 2025 की सुबह हुआ।
- 81×92 फीट की एक इमारत, जो आपस में जुड़ी हुई थी, पूरी तरह ध्वस्त हो गई।
- आसपास की संरचनाएं सुरक्षित रहीं, जिससे यह सटीक ड्रोन हमले का संकेत मिलता है।
कोटली गुलपुर कैंप, राजौरी से 40 किमी पश्चिम:
यह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा आतंकी शिविर था, जो जम्मू के पुंछ-राजौरी क्षेत्र में आतंकियों की गतिविधियों का बेस था।
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- 110×30 फीट की एक इमारत सैटेलाइट में दो हिस्सों में टूटी हुई दिखी।
- बगल की एक अन्य इमारत की छत भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है।
सूत्रों के मुताबिक, कोटली कैंप में 30-50 आतंकी और ट्रेनर मौजूद थे, और यह कई आतंकी संगठनों का साझा ट्रेनिंग बेस बन चुका था। भारत की कार्रवाई के बाद, इन कैंपों में आतंकियों की गतिविधियां ठप हो गई हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले 2019 में भारत ने बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी, जिसके बाद इन कैंपों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था, लेकिन 2020 में दोबारा ट्रेनिंग शुरू कर दी गई थी। अब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए एक बार फिर भारत ने इन आतंकी अड्डों को सर्जिकल और तकनीकी क्षमता के साथ ध्वस्त कर निर्णायक संदेश दिया है।
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