2 जुलाई 2024 को उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के फुलरई गांव में हुए भीषण भगदड़ हादसे को एक साल पूरा हो चुका है, लेकिन पीड़ित परिवारों को अब भी इंसाफ का इंतजार है। भोले बाबा के सत्संग के दौरान चरण रज लेने की होड़ में मची भगदड़ ने 121 लोगों की जान ले ली थी, जबकि 150 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस त्रासदी ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था।
तो घटनास्थल पर सन्नाटा पसरा हुआ था। वहां केवल कुछ ईंटों का ढेर दिखाई दिया और आस-पास खेतों में किसान धान की रोपाई करते नजर आए। हादसे के एक साल बाद भी यह स्थान उस दर्दनाक घटना की गवाही देता प्रतीत होता है।
इस मामले की जांच सीओ सिटी रामप्रवेश राय ने की है। पुलिस ने अब तक 11 आरोपियों के खिलाफ 3200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें 676 गवाहों को शामिल किया गया है। मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को बनाया गया है, जबकि बाबा खुद इस चा
र्जशीट में आरोपी नहीं हैं। चार्जशीट में शामिल अन्य नामों में मेध सिंह, मुकेश कुमार, मंजू देवी, राम लड़ेते, संजू कुमार, राम प्रकाश शाक्य और अन्य शामिल हैं। ये सभी आरोपी लगभग 11 महीने जेल में रहने के बाद जमानत पर बाहर आ चुके हैं।
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस अभी 71 अन्य संभावित आरोपियों की जांच कर रही है और उनके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की जा सकती है, लेकिन इस पर आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है।
फिलहाल यह मामला अदालत में लंबित है और जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को इस भगदड़ में खोया, वे आज भी न्याय की राह देख रहे हैं। यह हादसा केवल प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम नहीं, बल्कि भीड़ प्रबंधन की गंभीर विफलता का प्रतीक बन चुका है, जिसका समाधान अभी अधूरा है।
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