प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना में अपने संबोधन के दौरान भारत और घाना के संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने घाना को भारत का एक भरोसेमंद मित्र बताते हुए कहा कि भारत घाना की डिजिटल, शिक्षा, स्वास्थ्य और रक्षा क्षेत्रों में पूरी मदद करेगा। मोदी को घाना का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ प्रदान किया गया, जिसे उन्होंने भारत के युवाओं और भारत-घाना के ऐतिहासिक संबंधों को समर्पित किया।
I thank the people and Government of Ghana for conferring ‘The Officer of the Order of the Star of Ghana’ upon me. This honour is dedicated to the bright future of our youth, their aspirations, our rich cultural diversity and the historical ties between India and Ghana.
This… pic.twitter.com/coqwU04RZi
— Narendra Modi (@narendramodi) July 2, 2025
प्रधानमंत्री ने ऐलान किया कि भारत घाना को डिजिटल ट्रांजेक्शन की तकनीक सिखाएगा, फिनटेक और उच्च शिक्षा में सहयोग करेगा, और ‘फीड घाना’ प्रोग्राम में भागीदारी करेगा। उन्होंने बताया कि भारत जन औषधि केंद्र के माध्यम से घाना को सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी और एक स्किल डेवलपमेंट सेंटर भी स्थापित किया जाएगा। साथ ही, रक्षा आपूर्ति और साइबर सुरक्षा में सहयोग बढ़ेगा।
मोदी ने अफ्रीकी संघ को G20 की स्थायी सदस्यता मिलने को भारत की जी-20 अध्यक्षता की बड़ी सफलता बताया और घाना के साथ “व्यापक साझेदारी” को नई गति देने की बात कही। उन्होंने बताया कि भारत-घाना द्विपक्षीय व्यापार 3 बिलियन डॉलर के पार पहुंच चुका है, और अगले 5 वर्षों में इसे दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। भारतीय कंपनियों ने अब तक घाना में लगभग 900 परियोजनाओं में 2 बिलियन डॉलर का निवेश किया है।
List of Outcomes of PM Modi's visit to Ghana:
– Elevation of bilateral ties to a Comprehensive
– MoU on Cultural Exchange Programme (CEP): To promote greater cultural understanding and exchanges in art, music, dance, literature, and heritage.
-MoU between Bureau of Indian… pic.twitter.com/an3YLI4jFT
— ANI (@ANI) July 2, 2025
आतंकवाद के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह मानवता का दुश्मन है, और भारत-घाना मिलकर इसके खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे। अंत में, उन्होंने पश्चिम एशिया और यूरोप में जारी संघर्षों पर चिंता जताते हुए कहा कि यह युद्ध का समय नहीं है, बल्कि समस्याओं का समाधान बातचीत और कूटनीति से निकालने की आवश्यकता है।
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