अरुणाचल प्रदेश सरकार और इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) के बीच वाइब्रेंट विलेज स्कीम (VVP) के तहत किए गए इस समझौता ज्ञापन (MoU) का उद्देश्य सीमा क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और सीमा सुरक्षा को और अधिक सुदृढ़ करना है। इस सहयोग से न केवल सीमावर्ती गांवों की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी, बल्कि सुरक्षा बलों और स्थानीय समुदायों के बीच समन्वय भी बेहतर होगा।
समझौते की मुख्य बातें:
- स्थानीय उत्पादों की आपूर्ति:
- सीमावर्ती गांवों से ITBP की यूनिट्स को फल, सब्जियां, मांस, मछली, डेयरी उत्पाद, बाजरा और अन्य कृषि उत्पादों की आपूर्ति की जाएगी।
- यह आपूर्ति स्थानीय सहकारी समितियों और अरुणाचल प्रदेश एग्रीकल्चर मार्केटिंग बोर्ड (APAMB) के माध्यम से की जाएगी।
- आजीविका और सहकारी समितियां:
- इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय किसानों और सहकारी समितियों को आर्थिक लाभ मिलेगा।
- सीमावर्ती गांवों की स्थायी आजीविका को सुनिश्चित करने के लिए सहकारी समितियों की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
- सीमा सुरक्षा और वाइब्रेंट विलेज स्कीम:
- यह समझौता वाइब्रेंट विलेज स्कीम के उद्देश्यों के अनुरूप है, जिसमें सीमावर्ती क्षेत्रों में समावेशी विकास और सुरक्षा बलों के साथ सामुदायिक जुड़ाव को बढ़ावा देना शामिल है।
- ITBP को स्थानीय आपूर्ति मिलने से सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती के दौरान आवश्यक सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
- सरकार की प्रतिबद्धता:
- मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने इस समझौते को सीमावर्ती क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक सुधारों के लिए एक मील का पत्थर बताया।
- कृषि मंत्री गैब्रियल डेनवांग वांगसू ने सहकारी समितियों के जरिए स्थानीय उत्पादों की आपूर्ति की सुविधा को महत्वपूर्ण बताया।
- समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति:
- मुख्यमंत्री पेमा खांडू, उपमुख्यमंत्री चौना मीन, कृषि मंत्री गैब्रियल डेनवांग वांगसू, मुख्य सचिव मनीष गुप्ता, और ITBP के आईजी अकुन सबरवाल।
समझौते का प्रभाव:
- स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार:
- सीमावर्ती गांवों में कृषि और डेयरी उत्पादों की मांग बढ़ेगी, जिससे स्थानीय किसानों की आय में सुधार होगा।
- इन गांवों में सामाजिक और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
- सीमा सुरक्षा को बढ़ावा:
- स्थानीय आपूर्ति चैनल ITBP के लिए सामरिक दृष्टि से लाभकारी होगा, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों में उनकी उपस्थिति और प्रभावशीलता बढ़ेगी।
- सामुदायिक जुड़ाव:
- ITBP और सीमावर्ती गांवों के बीच बेहतर संबंध स्थापित होंगे, जो सामुदायिक विकास और सहयोग को बढ़ावा देगा।
- स्थायी विकास:
- इस योजना से पर्यावरण के अनुकूल, स्थायी आर्थिक मॉडल की स्थापना में मदद मिलेगी।
यह योजना सीमा गांवों से लोगों के पलायन को कम करने की संभावना जताती है और बेहतर आर्थिक अवसर पैदा करके पलायन को पलटने में मदद करेगी. स्थानीय समुदायों और ITBP कर्मियों के बीच बढ़ी हुई बातचीत सामाजिक एकता को मजबूत करने, विश्वास निर्माण और इन दूरदराज के इलाकों के निवासियों के बीच सुरक्षा और सामूहिकता की भावना को बढ़ावा देने में मदद करेगी.
यह MOU स्थानीय जनसंख्या के लिए रोजगार के कई अवसर पैदा करने की उम्मीद है, जो ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल को बढ़ावा देगा. यह ITBP सैनिकों को ताजे, उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करेगा, जबकि स्थानीय व्यवसायों को भी समृद्ध करेगा और स्थायी कृषि प्रथाओं को प्रोत्साहित करेगा.
अरुणाचल प्रदेश सरकार और ITBP के बीच यह साझेदारी सीमा क्षेत्रों में सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. सुरक्षा, आर्थिक वृद्धि और सामाजिक स्थिरता को सशक्त बनाने पर केंद्रित इस MOU से इस क्षेत्र के भविष्य को बदलने में अहम भूमिका निभाई जाएगी, जिससे अरुणाचल प्रदेश के लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा और देश की सीमाओं को मजबूत किया जाएगा.