मिजोरम और असम काफी लंबे समय से सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव रहता है। इसके समाधान के लिए आज दोनों देशों के बीच मंत्रिस्तरीय वार्ता होगी। मिजोरम गृह विभाग के एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि, आइजोल में शाम 4 बजे एक राजकीय अतिथि गृह में यह बैठक होगी। मिजोरम प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व गृह मंत्री के. सपडांगा करेंगे, जबकि असम टीम का नेतृत्व उसके सीमा सुरक्षा और विकास मंत्री अतुल बोरा करेंगे।
पिछले साल मिजोरम में मुख्यमंत्री लालदुहोमा के नेतृत्व में जोरम पीपुल्स मूवमेंट (जेडपीएम) की सरकार बनने के बाद से दोनों राज्यों के बीच यह पहली सीमा वार्ता होगी। वार्ता के बाद बोरा और उनकी टीम लालदुहोमा से शिष्टाचार मुलाकात करेगी और फिर शनिवार को गुवाहाटी रवाना हो जाएगी।
सीमा विवाद में मिजोरम के तीन जिले-आइजोल, कोलासिब और ममित शामिल हैं, जो असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों के साथ 164.6 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं। यह विवाद औपनिवेशिक काल के दो परिसीमनों- बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (बीईएफआर) के तहत 1875 की अधिसूचना और 1933 के भारतीय मानचित्र सर्वेक्षण से जुड़ा है।
2021 में दोनों देशों के बीच बढ़ा विवाद
दोनों देशों के बीच जुलाई 2021 में तनाव तब बढ़ गया जब दोनों राज्यों के पुलिस बलों ने सीमा पर गोलीबारी की, जिसके परिणामस्वरूप असम के छह पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की मौत हो गई, साथ ही 60 से अधिक लोग घायल हो गए। अगस्त 2021 से तीन मंत्रिस्तरीय बैठकों सहित कई दौर की वार्ता हुई है, जिसमें सीमा पर शांति बनाए रखने और बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने के समझौते हुए हैं।
नवंबर 2022 में गुवाहाटी में सबसे हालिया वार्ता में, मिजोरम को अपने दावे का समर्थन करने के लिए तीन महीने के भीतर गांवों, क्षेत्रों, भू-स्थानिक सीमा और जातीयता के बारे में विवरण प्रदान करने का काम सौंपा गया था। मिजोरम ने विवादित क्षेत्र में 62 गांवों की पहचान करते हुए जानकारी प्रस्तुत की है जो उसके क्षेत्र में या आंतरिक रेखा आरक्षित वन की सीमा के भीतर हैं।