असम की बीजेपी सरकार ने गोमांस के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने 4 दिसंबर 2024 को इसकी घोषणा की। उन्होंने बताया कि अब राज्य के रेस्तरां और होटलों में गोमांस परोसने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सार्वजनिक जगहों और सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी इसका इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे।
राज्य कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि गोहत्या को रोकने के लिए हम तीन साल पहले कानून लाए थे। इससे गोहत्या रोकने में काफी कामयाबी मिली है। अब यह निर्णय लिया गया है कि राज्य के होटल, रेस्तरा और सार्वजनिक जगहों पर गोमांस खाने और परोसने पर पाबंदी लगा दी गई है। उन्होंने कहा कि पहले यह मंदिर के 5 किलोमीटर के दायरे में गोमांस खाने पर प्रतिबंध लगा गया था। लेकिन अब इसे पूरे राज्य में लागू कर इसका दायरा बढ़ा दिया गया है।
आज असम मंत्रिमंडल ने राज्य के होटलों, रेस्टोरेंट्स और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है।#AssamBeefBan pic.twitter.com/Nhda2uQ3Gt
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) December 4, 2024
असम के सामागुरी उपचुनाव के बाद गोमांस पर प्रतिबंध का मुद्दा राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गया है। सामागुरी सीट पर बीजेपी की जीत और इसके बाद कांग्रेस नेता रकीबुल हुसैन द्वारा लगाए गए आरोपों ने इस विवाद को और गर्मा दिया। हुसैन ने दावा किया कि गोमांस बांटने के कारण बीजेपी को सामागुरी में जीत हासिल हुई, जो परंपरागत रूप से कांग्रेस का गढ़ माना जाता था।
सामागुरी सीट कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण थी, क्योंकि यह सीट रकीबुल हुसैन का राजनीतिक आधार रही है। उनके बेटे तंजील हुसैन को मैदान में उतारने के बावजूद, कांग्रेस मुस्लिम बहुल क्षेत्र में अपना दबदबा कायम नहीं रख पाई। यह बीजेपी के लिए एक बड़ी राजनीतिक सफलता है, खासकर जब यहां लगभग 60% मुस्लिम आबादी है।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस समर्थन दे तो उनकी सरकार राज्य में पूरी तरह गोमांस पर पाबंदी लगाने को तैयार है। यह बयान न केवल कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए था, बल्कि भाजपा के सांस्कृतिक और धार्मिक एजेंडे को भी रेखांकित करता है।
यह विवाद असम में राजनीति के बदलते समीकरणों को दिखाता है, जहां बीजेपी अपनी पकड़ मजबूत कर रही है, और कांग्रेस अपने परंपरागत गढ़ों को बचाने में संघर्ष कर रही है। इस तरह के मुद्दे, जो सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं से जुड़े हैं, असम के राजनीतिक भविष्य में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
In the #AssamCabinet meeting today, we took key decisions
👉Public beef consumption banned
👉Sanction of addl ₹116.20cr for expansion of approach roads to LGBI Airport
👉Boost to Sanskrit Education
👉Promotional avenues for Fishery Officers
👉Modified rules for Literary Pension pic.twitter.com/eKt4dOz0fz
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) December 4, 2024
रकीबुल हुसैन के आरोपों पर मुख्यमंत्री सरमा ने पूछा था कि क्या कॉन्ग्रेस अब तक गोमांस बाँट कर सामागुरी में जीत रही थी? उन्होंने कहा था, क्या सामागुरी सीट गोमांस बाँट कर जीती जा सकती है। अगर ऐसा है तो क्या कॉन्ग्रेस अब तक सामागुरी सीट गोमांस बाँट कर जीत रही थी? कॉन्ग्रेस नेता रकीबुल हुसैन सामागुरी सीट को अच्छी तरह से जानते हैं, इसलिए उन्हें पता होगा।
साथ ही उन्होंने कहा था कि वे राज्य में गोमांस पर बैन लगाने को तैयार हैं, बशर्ते इसके लिए असम कॉन्ग्रेस अध्यक्ष रिपुन बोरा सहमत हों। उन्होंने कहा कि अगर रिपुन बोरा सहमत हों तो अगली विधानसभा की बैठक में ही गोमांस पर बैन लगा दिया जाएगा।