रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 में करीब पांच करोड़ रोजगार का सृजन हुआ. इससे पहले के वित्त वर्ष में 4.76 करोड़ रोजगार का सृजन हुआ था.इसके साथ ही देश में नौकरियों की संख्या 64.33 करोड़ हो गई है.पिछले वित्त वर्ष में रोजगार में वृद्धि की रफ्तार 3.2 फीसदी रही. वहीं 2023-24 में इसकी रफ्तार 6 फीसदी रही.आरबीआई ने पहली बार कई तरह के आंकड़ों का उपयोग कर वित्त वर्ष में उद्योगों में उत्पादकता और नौकरियों का आंकलन करने की कोशिश की है.
क्या है आरबीआई का दावा
आरबीआई ने सोमवार को जारी अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि 2027-18 और 2021-22 के दौरान देश में आठ करोड़ से ज्यादा नौकरियां पैदा हुईं. आरबीआई ने 27 उद्योगों को छह सेक्टरों में बांट कर उनके आंकड़ों का विश्लेषण किया. इन सेक्टरों में कृषि, शिकार, वानिकी और मछली पालन, खनन और उत्खनन, निर्माण, बिजली, गैस और जल आपूर्ति और सेवा क्षेत्र शामिल हैं. औद्योगिक स्तर पर उत्पादकता मापने वाले-दी इंडिया KLEMS (पूंजी, श्रम, ऊर्जा, सामग्री, सेवाएं) के डाटा के मुताबिक इस समय देश में 64.33 करोड़ अस्थायी नौकरियां हैं. वित्त वर्ष 2022-2023 में 59.67 करोड़ से अधिक अस्थायी नौकरियां थीं.
रिजर्व बैंक नियमित रुप से जारी करता है आंकड़े
भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा रोजगार से संबंधित आंकड़ों की रिपोर्ट नियमित रूप से जारी की जाती है। इस रिपोर्ट में पारंपारिक रुप से केवल ऐतिहासिक संख्याएं ही दर्शायी जाती है। हालांकि सोमवार को जारी इस रिपोर्ट के बारे में भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि उन्होंने जो जानकारी उपलब्ध है उसी के आधार पर पहली बार वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए देश की कुल अर्थव्यवस्था के उत्पादकता का अनुमान लगाने की कोशिश की है।
महंगाई और बेरोजगारी को बताया कारण
कुछ विशेषज्ञों ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को कम सीटें मिलने के कारण नौकरियों में कमी आयी है। साथ ही महंगाई में बढ़त होने के कारण भी रोजगार दर में बढ़त देखने को मिल रही है, ऐसा कहा जा रहा है। इस बार लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी सरकार को बहुमत हासिल नहीं हुआ है, जिसके कारण उन्हें बहुमत के लिए अपने सहयोगी दलों पर निर्भर रहना पड़ेगा।
निजी सर्वे में अक्सर बताया जाता है कि देश में बेरोजगारी की दर बढ़ती जा रही है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक की इस रिपोर्ट ने इन सभी दावों को खारिज कर दिया है।
बेरोजगारी की दर घटी
वहीं सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की ओर से इस साल में जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में जनवरी-मार्च 2023 के दौरान शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी दर 6.8 फीसदी से कम हो गई.वहीं महिला बेरोजगारी दर जनवरी-मार्च 2023 के 9.2 फीसदी से घटकर जनवरी-मार्च 2024 में 8.5 फीसदी हो गई. ये आंकड़े त्रैमासिक आधार पर जारी किए जाते हैं.