भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की है, जिससे देश की मौद्रिक नीति में नरमी का स्पष्ट संकेत मिला है। गवर्नर संजय मल्होत्रा की अध्यक्षता में हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के अंतिम दिन शुक्रवार को RBI ने रेपो रेट में सीधे 50 बेसिस पॉइंट्स (0.50%) की कटौती का ऐलान किया, जिससे यह दर 6.00% से घटकर 5.50% पर आ गई है। यह निर्णय बाजार के अधिकांश विशेषज्ञों की अपेक्षा से कहीं अधिक है, जिन्होंने केवल 0.25% की कटौती का अनुमान लगाया था। इस फैसले के साथ ही RBI ने वर्ष 2025 में अब तक तीन बार रेपो रेट में कटौती की है—पहली बार 7 फरवरी को 6.50% से 6.25%, दूसरी बार 9 अप्रैल को 6.25% से 6.00%, और अब जून में 6.00% से घटाकर 5.50% किया गया है।
#WATCH | RBI Governor Sanjay Malhotra says, "… The MPC decided to reduce the policy Repo Rate under the liquidity adjustment facility by 50 basis points to 5.5%. This will be with immediate effect. Consequently, the Standing Deposit Facility (STF) Rate shall stand adjusted to… pic.twitter.com/siUUlBmcrG
— ANI (@ANI) June 6, 2025
यह कटौती और भी खास है क्योंकि फरवरी 2025 में लगभग पांच वर्षों के लंबे अंतराल के बाद रेपो रेट में पहली बार किसी प्रकार का परिवर्तन हुआ था। इससे पहले मई 2020 में, कोविड-19 महामारी के दौरान, RBI ने आर्थिक मंदी से निपटने के लिए रेपो रेट में 0.40% की कटौती की थी। उसके बाद जून 2023 में रेपो रेट बढ़ाकर 6.5% कर दिया गया था और दो साल तक इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ। ऐसे में मौजूदा लगातार कटौतियाँ यह दर्शाती हैं कि RBI अब विकास को प्राथमिकता दे रहा है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक आर्थिक परिस्थितियाँ भी धीमी हो रही हैं।
#WATCH | RBI Governor Sanjay Malhotra says, "After having reduced the policy repo rate by 100 basis points in quick succession since February 2025, the MPC also felt that under the present circumstances, the MPC is now left with very limited space to support growth. Hence, the… pic.twitter.com/EkzFF7Dn6m
— ANI (@ANI) June 6, 2025
रेपो रेट में इस तरह की कटौती का सीधा लाभ आम लोगों को मिलता है। चूंकि रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंक RBI से ऋण लेते हैं, इसकी दर कम होने पर बैंक अपने ग्राहकों को कम ब्याज दर पर होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन आदि देने लगते हैं। इससे लोगों की EMI घट जाती है, जिससे उनकी मासिक बचत बढ़ती है। बचत का यह हिस्सा लोग अन्य जरूरतों पर खर्च कर सकते हैं, जिससे खपत में वृद्धि होती है, और यह देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में सहायक होता है। इस प्रकार, RBI का यह कदम न केवल कर्ज लेने वालों के लिए राहत है, बल्कि एक व्यापक आर्थिक रणनीति का हिस्सा भी है, जिसका उद्देश्य मांग को प्रोत्साहित कर आर्थिक पुनरुद्धार को मजबूती देना है।
#WATCH | RBI Governor Sanjay Malhotra says, "After having reduced the policy repo rate by 100 basis points in quick succession since February 2025, the MPC also felt that under the present circumstances, the MPC is now left with very limited space to support growth. Hence, the… pic.twitter.com/EkzFF7Dn6m
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