ट्रेड रेग्युलेटर कमंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया ने एलआईसी म्यूचुअल फंड और आईडीबीआई म्यूचुअल फंड के अधिग्रहण को मंजूरी दी थी. भारतीय जीवन बीमा निगम एलआईसी एमएफ का एक स्पॉन्सर है. जबकि IDBI Bank आईडीबीआई म्यूचुअल फंड का स्पॉन्सर है. एलआईसी म्यूचुअल फंड के मैनेजिंग डायरेक्टर का कहना है कि वह ट्रेड रेग्युलेटर से मर्जर के संबंध में कुछ और स्पष्टीकरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं. इसके बाद आईडीबीआई एमएफ और एलआईसी एमएफ को निवेशकों को एक महीने का एग्जिट नोटिस देना होगा.
इसके अलावा उनका कहना है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो जून या जुलाई के अंत में मर्जर की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. इसलिए चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही तक मर्जर के पूरा होने की उम्मीद है. वहीं एक बड़े स्तर पर इस बात का ध्यान रखा रखा जा रहा हैं कि कुछ चीजें समय पर हों और ग्राहकों को भी फायदा हो, साथ ही सभी नियमों का पालन किया जाना चाहिए.
पिछले वित्त वर्ष के अंत में एलआईसी एमएफ के मैनेजमेंट के तहत प्रॉपर्टी (एयूएम) लगभग 17,600 करोड़ रुपए थी और इसमें ईटीएफ इक्विटी सहित इक्विटी 8,000 करोड़ रुपए के करीब थी. जब कि IDBI MF का AUM FY23 के अंत में 4,000 करोड़ रुपए से कम था. मर्जर की गई यूनिट के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो के संबंध में जिन योजनाओं की आमतौर पर पहचान की जा सकती है, उनका मर्जर किया जाएगा. आईडीबीआई एमएफ के पास कुछ ऐसी योजनाएं होंगी जो हमारे पास नहीं हैं. हम उन्हें स्टैंडअलोन योजनाओं के रूप में चलाएंगे.
एलआईसी म्यूचुअल फंड के लिए इसके एयूएम में व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) का योगदान वर्तमान में लगभग 13% है, और म्यूचुअल फंड हाउस अब शेयर को लगभग 15-16% तक बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. एयूएम के मामले में वर्तमान में एलआईसी एमएफ की मार्केट हिस्सेदारी 0.5% से नीचे है.
फंड हाउस एलआईसी के विशाल वितरण नेटवर्क का उपयोग अपने व्यवसाय और फुटप्रिंट को बढ़ाने के लिए कैसे करेगा. इस पर एलआईसी एमएफ के एमडी का कहना है कि इसके कई डिस्ट्रीब्यूटर एलआईसी एजेंट हैं और इसके प्रयास उस संख्या को बढ़ाने के लिए पर्याप्त हैं. साथ ही कंपनी अपने डिस्ट्रीब्यूटर्स की संख्या बढ़ाने की भी कोशिश कर रही है जो एलआईसी एजेंट नहीं हैं. एलआईसी एमएफ के लगभग 45,000 डिस्ट्रीब्यूटर हैं, और इनमें से 50% से अधिक एलआईसी एजेंट हैं.
इसके अलावा डिस्ट्रीब्यूटर्स के रूप में एलआईसी एजेंटों की भर्ती को महत्व दिया जाता है. वहीं अन्य डिस्ट्रीब्यूटर्स को भी शामिल करने में रुचि रखते हैं, जो केवल म्यूचुअल फंड बेचते हैं. एलआईसी की फंड हाउस में करीब 45 फीसदी हिस्सेदारी है. म्यूचुअल फंड हाउस ‘तुरंत’ आईपीओ लाने के बारे में नहीं सोच रहा है. अगले 4-5 वर्षों में हमारी आईपीओ लाने की कोई योजना नहीं है. इससे पहले कि खुद को शेयर मार्केट में लिस्टेड करने के बारे में सोचें, हमें मजबूत बनने की जरूरत है.
एलआईसी एमएफ का चालू वित्त वर्ष के अंत तक अपने एयूएम को बढ़ाकर लगभग 27,000 करोड़ रुपए करने का लक्ष्य है. FY22 के दौरान, AMC ने सभी लाइव योजनाओं से 89,485 करोड़ रुपए की ग्रॉस बिक्री जुटाई थी. 31 मार्च, 2022 तक निवेशकों की कुल संख्या 549,971 थी. मैनेजमेंट के तहत औसत संपत्ति (एएयूएम) 2021-22 की अंतिम तिमाही के लिए 18,252 करोड़ रुपए थी और यह एमएफ इंडस्ट्री में एएयूएम के मामले में 22वें स्थान पर रही है.