छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा जंगल में चल रहा नक्सल विरोधी ऑपरेशन देश के सबसे बड़े और समन्वित अभियानों में से एक बनता जा रहा है। इस अभियान में अब तक तीन नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है, और सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है।
ऑपरेशन की मुख्य बातें:
मुठभेड़ और कार्रवाई:
- बीजापुर के कर्रेगुट्टा के जंगलों में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है।
- अब तक तीन नक्सली मारे गए हैं।
- भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए हैं।
शामिल सुरक्षाबल:
- जिला रिजर्व गार्ड (DRG) बीजापुर और दंतेवाड़ा
- स्पेशल टास्क फोर्स (STF)
- कोबरा कमांडो (CoBRA) – जो जंगल युद्ध में विशेष प्रशिक्षण प्राप्त बल है।
अभियान का उद्देश्य:
- नक्सलियों की मौजूदगी को खत्म करना।
- सीमावर्ती घने जंगल क्षेत्रों में बने नक्सली ढांचे और कैंप को नष्ट करना।
- आम लोगों में सुरक्षा का विश्वास बहाल करना।
हाल के घटनाक्रम का संदर्भ:
- कुछ ही दिन पहले इंद्रावती के जंगलों में भी इसी तरह की मुठभेड़ में तीन नक्सली मारे गए थे।
- लगातार बढ़ते अभियान इस बात का संकेत हैं कि सुरक्षाबल अब प्रत्याशित क्षेत्रों के बजाय नक्सलियों के ठिकानों पर सीधी कार्रवाई कर रहे हैं।
रणनीतिक दृष्टिकोण:
- यह अभियान छत्तीसगढ़ में आगामी चुनावों से पहले नक्सल-विरोधी नीति की मजबूती और “Zero Tolerance” दृष्टिकोण को दर्शाता है।
- बीजापुर और बस्तर क्षेत्र लंबे समय से नक्सल गतिविधियों के केंद्र रहे हैं। इन क्षेत्रों में बड़ी सैन्य उपस्थिति और अभियानों का मतलब है कि सरकार जमीनी स्तर पर पकड़ मजबूत कर रही है।