छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. यही वजह है कि छत्तीसगढ़ भाजपा की कमान खुद अमित शाह ने थाम ली है. हाल ही में प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने राज्य के नेताओं के साथ बैठक के बाद रिपोर्ट लेकर दिल्ली में जेपी नड्डा से मुलाकात की है. सूत्रों की माने तो डेढ़ घंटे चली नड्डा और माथुर की बैठक में छत्तीसगढ़ में भाजपा नेताओं के रिपोर्ट कार्ड पर चर्चा हुई है.
हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ में हुई बैठक के बाद भी नेताओं में एकजुटता नहीं आ पाई है. बताया जा रहा है की दिल्ली में हुई इस बैठक के बाद अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरा बन सकता है. राष्ट्रीय अध्यक्ष भी छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के खिलाफ ओम माथुर के दिए सुझावों पर ही रणनीति बना रहे हैं. राज्य के भाजपा नेताओं में भी केंद्रीय हस्तक्षेप से खलबली मची हुई है.
अमित शाह लेंगे भाजपा नेताओं की क्लास
अमित शाह ने छत्तीसगढ़ में बैठक कर वरिष्ठ नेताओं को तालमेल बिठाकर एक साथ काम करने के कड़े निर्देश दिए थे. जिसके बाद उन्हें छत्तीसगढ़ को लेकर पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं को अलग अलग जिम्मेदारी भी दी है और खुद उसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं. शाह ने स्थानीय नेताओं से कहा कि सीएम बघेल को गंभीरता से लेते हुए सरकार और कांग्रेस की कमियां तलाशें. शाह की नसीहत के बाद पार्टी की रणनीति में भी बड़ा बदलाव किया गया है. जिसका असर अब भाजपा की बदली हुई कार्यशैली से भी दिख रहा है.
सूत्रों की माने तो छत्तीसगढ़ प्रभारी और सह प्रभारी को विधानसभा वार बीजेपी की स्थिति की बारीक जानकारी एकत्रित करने का जिम्मा दिया गया है. साथ ही प्रत्येक विधानसभा में भाजपा के उम्मीदवारों को लेकर भी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया को छत्तीसगढ़ चुनाव की बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद उन्होंने भी नेताओं से वन टू वन चर्चा कर रिपोर्ट तैयार कर ली है. दिल्ली में नड्डा और माथुर के बीच हुई लंबी बैठक में छत्तीसगढ़ की राजनीतिक उठा पटक, आगामी कार्ययोजना , संगठन के कामों , सांसद , विधायकों और प्रदेश पदाधिकारियों के परफार्मेंस को लेकर विस्तृत चर्चा की गई. आगामी दिनों में अमित शाह इन्ही रिपोर्ट्स के आधार पर छत्तीसगढ़ के नेताओं की क्लास लेंगे.
22 जुलाई को अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरा
सूत्रों की माने तो गृहमंत्री अमित शाह 22 जुलाई को छत्तीसगढ़ जा सकते हैं. इससे पहले वे 19 जुलाई को जाने वाले थे, लेकिन आखरी समय में उनका दौरा टल गया था. शाह छत्तीसगढ़ में प्रदेश के प्रमुख नेताओं से रिपोर्ट कार्ड के आधार पर चर्चा करेंगे. साथ ही चुनाव को लेकर बनाई गई समिति के संयोजकों और युवाओं की बैठक भी ले सकते हैं. शाह ने अपने पहले दौरे में नेताओ को चुनाव की तैयारियों को लेकर को निर्देश दिए थे उसकी भी समीक्षा करेंगे.