दिल्ली में साइबर ब्लैकमेलिंग और यौन उत्पीड़न का एक रौंगटे खड़े कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसमें पीड़िता का ही पुराना बॉयफ्रेंड 3 साल तक उसकी जिंदगी को जहन्नुम बनाता रहा, वो भी फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स और धमकियों के जरिए। इस केस ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि ऑनलाइन भरोसे की कीमत लड़कियों को क्यों चुकानी पड़ती है?
मामले की प्रमुख बातें (Case Summary)
विषय | विवरण |
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घटना की शुरुआत | 2021 में इंस्टाग्राम पर दोस्ती |
ब्लैकमेलिंग के तरीके | 9 फर्जी इंस्टाग्राम अकाउंट्स और 1 जीमेल आईडी से धमकी |
धमकियां | फोटो वायरल करने, एसिड अटैक, परिवार को नुकसान, फर्जी केस में फंसाने की |
आरोपी | हिमांशु अरोड़ा (उम्र 37), शादीशुदा, 12 साल की बेटी का पिता |
शिक्षा और पेशा | दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट, पारिवारिक सैनिटरी बिज़नेस |
गिरफ्तारी | 29 मई 2025, शाहदरा पुलिस द्वारा |
बरामद सामान | 2 मोबाइल, 1 लैपटॉप, अश्लील फोटोज़, फेक अकाउंट्स के पासवर्ड |
जांच में खुलासा | आरोपी अपनी माँ के नाम पर रजिस्टर्ड नंबर का इस्तेमाल कर रहा था |
यह केवल एक ‘साइबर अपराध’ नहीं, एक ‘मानसिक हिंसा’ है
- तीन साल तक मानसिक प्रताड़ना, भय, धमकियां — और यह सब एक ऐसे व्यक्ति द्वारा जिसने कभी भरोसे का मुखौटा पहना था।
- आरोपी के शादीशुदा और पिता होने की सच्चाई इसे और शर्मनाक बनाती है।
- फर्जी अकाउंट्स बनाकर डिजिटल छाया बन जाना, और शिकार को अकेलेपन में धकेलना — ये ‘मॉर्डन मॉनस्टर’ की पहचान है।
दिल्ली पुलिस की अपील: बचाव ही सबसे बड़ा हथियार
लड़कियों/महिलाओं के लिए सुझाव:
- सोशल मीडिया पर निजी फोटो या वीडियो कभी भी किसी को न भेजें, चाहे वो कितना भी भरोसेमंद लगे।
- किसी भी प्रकार की धमकी मिलने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें — डरें नहीं, आपका डर ही उनका हथियार है।
- फर्जी अकाउंट्स को ब्लॉक करें, रिपोर्ट करें और स्क्रीनशॉट सुरक्षित रखें।
पैरेंट्स के लिए सलाह:
- अपने बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों पर सतर्क निगरानी रखें।
- उन्हें समझाएं कि डिजिटल दुनिया में कोई स्थायी डिलीट बटन नहीं होता।
अगर आप भी किसी ऐसे शोषण का शिकार हैं…
डरें नहीं, Delhi Police Cyber Cell 24×7 आपके साथ है।
🔗 संपर्क करें:
- साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल
- 100 या 112 पर कॉल करें
- स्थानीय साइबर थाना जाएं