दिल्ली एयरपोर्ट पर रनवे 10/28 तीन महीने के लिए बंद, 100 से अधिक फ्लाइट्स होंगी प्रभावित
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) से उड़ान भरने या वहां लैंड करने वाले यात्रियों के लिए एक अहम सूचना सामने आई है। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने घोषणा की है कि रनवे 10/28 को 15 जून से 15 सितंबर तक यानी पूरे तीन महीने के लिए बंद किया जाएगा। इस रनवे को CAT-III B के अनुकूल अपग्रेड करने और ILS (Instrument Landing System) को उन्नत करने के लिए यह निर्णय लिया गया है। यह कदम आगामी सर्दियों में घने कोहरे के दौरान उड़ानों के निर्बाध संचालन को सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है।
DIAL के सीईओ विदेह कुमार जयपुरियार ने NDTV से बातचीत में बताया कि रनवे के एक हिस्से को CAT-III मानकों के अनुसार बनाया जा रहा है, जिससे कम दृश्यता की स्थिति में दोनों दिशाओं से फ्लाइट्स को लैंड कराया जा सकेगा। अभी तक यह रनवे सिर्फ एक छोर से CAT-III ऑपरेशन को सपोर्ट करता था। यह अपग्रेडेशन कार्य नवंबर 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद, एयरपोर्ट पर तीन रनवे CAT-III ऑपरेशन के लिए तैयार होंगे, जिससे खासकर सर्दियों के मौसम में कोहरे के कारण उड़ानों में होने वाली देरी को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। अनुमान है कि पूर्वी हवा और कोहरे के समय ऑपरेशनल देरी का समय 6 घंटे से घटकर 3 घंटे रह जाएगा।
दिल्ली एयरपोर्ट पर कुल चार रनवे हैं, जिनमें से 10/28 को छोड़कर शेष तीन रनवे यथावत संचालन में रहेंगे। हालांकि, एक रनवे के बंद होने से फ्लाइट ऑपरेशन्स पर सीधा असर पड़ेगा। जयपुरियार ने जानकारी दी कि रनवे बंद होने की अवधि के दौरान दिल्ली एयरपोर्ट की प्रति घंटे उड़ानों को संभालने की क्षमता 42 से घटकर 32 हो जाएगी, जिससे मुंबई, पटना जैसे कई प्रमुख शहरों के लिए उड़ानों पर असर पड़ेगा। दिल्ली एयरपोर्ट से प्रतिदिन लगभग 1450 विमान उड़ान भरते या उतरते हैं।
इस बंदी के कारण प्रति दिन औसतन 114 उड़ानें (आवागमन सहित) रद्द की जाएंगी, जबकि करीब 43 उड़ानों को रीशेड्यूल किया जाएगा। इससे अनुमानतः कुल यात्री संख्या का 7-8% हिस्सा प्रभावित होगा। हालांकि, एयरलाइनों को इस स्थिति की पूर्व सूचना दे दी गई है ताकि वे यात्रियों को समय से सूचित कर सकें और उन्हें वैकल्पिक उड़ानों में समायोजित किया जा सके।
DIAL के सीईओ ने यह भी बताया कि रनवे के अपग्रेडेशन के लिए यह समय (जून-सितंबर) चुना गया है, क्योंकि यह पीक सीजन नहीं होता, जिससे यात्रियों को न्यूनतम असुविधा हो। अप्रैल में इस कार्य की शुरुआत की गई थी, लेकिन बड़े पैमाने पर उड़ानों पर असर को देखते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद इसे अस्थायी रूप से रोक दिया गया था। अब मंत्रालय, DGCA, ATC और एयरलाइनों से चर्चा के बाद 15 जून से अपग्रेडेशन का कार्य फिर शुरू किया जा रहा है।
इस निर्णय से स्पष्ट है कि दिल्ली एयरपोर्ट प्रशासन भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए तकनीकी अपग्रेड और सुरक्षा मानकों को सुदृढ़ करने की दिशा में प्रतिबद्ध है, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं और विश्वसनीय सेवा मिल सके, विशेष रूप से उन परिस्थितियों में जब दृश्यता बेहद कम हो।