केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के वीडियो के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. ये वीडियो तेलंगाना की एक रैली का बताकर सोशल मीडिया में शेयर किया जा रहा था. इस एडिटेड वीडियो को लेकर दिल्ली पुलिस में दो शिकायतें दर्ज कराई गई थीं. इनमें से एक शिकायक गृह मंत्रालय की ओर से तो दूसरी बीजेपी की ओर से कराई गई थी. शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल साइबर विंग आईएफएसओ यूनिट ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है.
क्या है पूरा मामला
इस फर्जी वीडियो में गृह मंत्री को एससी, एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण पर टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है. इस वीडियो को लेकर बीजेपी ने देशभर में एफआईआर दर्ज कराने के फैसला लिया है. दिल्ली पुलिस से जुड़े सूत्र के मुताबिक, पुलिस को गृह मंत्री के एडिटेड वीडियो के संबंध में दो शिकायत मिली थी. एक शिकायत बीजेपी और दूसरी गृह मंत्रालय की ओर से कराई गई थी. इसके बाद दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल साइबर विंग की आईएफएसओ इकाई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली. इस संबंध में दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153, 153ए, 465, 469, 171जी और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 66सी के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी गई है.
वीडियो के साथ की गई छेड़छाड़
एफआईआर के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने अपनी शिकायत में कहा कि यह पाया गया है कि कुछ छेड़छाड़ किए गए वीडियो फेसबुक और ट्विटर पर प्रसारित किए जा रहे हैं. एफआईआर में कहा गया है, ऐसा लगता है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ की गई है. इसके जरिए समुदायों के बीच वैमनस्य पैदा करने के इरादे से भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है. ऐसा करने से सार्वजनिक शांति और सार्वजनिक व्यवस्था के मुद्दों पर असर पड़ सकता है.
गृह मंत्रालय ने अनुरोध किया है कि कृपया कानून के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कानूनी कार्रवाई करें. एफआईआर में कहा गया है कि शिकायत के साथ एक रिपोर्ट भी संलग्न की गई थी, जिसमें उन लिंक और हैंडल का विवरण था, जिनसे गृह मंत्री के एडिटेड किए गए वीडियो को शेयर किया जा रहा था.
हम आरक्षण से किसी को छेड़छाड़ नहीं करने देंगे: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को गांधीनगर लोकसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. नामांकन दाखिल करने के बाद एक खास बातचीत में अमित शाह ने कहा था कि विपक्ष के आरोप निराधार हैं, हम आरक्षण से छेड़छाड़ नहीं होने देंगे. बहुमत का दुरुपयोग करने की परंपरा किसी पार्टी की रही है, तो वो केवल कांग्रेस की रही है. इंदिरा गांधी ने बहुमत का दुरुपयोग इमरजेंसी लगाने में किया था, लोकतंत्र का गला घोंटने के लिए किया था.
अमित शाह ने कहा था, “हम न कभी आरक्षण के साथ छेड़छाड़ करेंगे… न किसी को करने देंगे. यह हमारा कमिटमेंट है, देश की जनता के साथ. मोदीजी ने पिछड़ा समाज, दलित समाज, आदिवासी समाज के कल्याण के प्रति सबसे ज्यादा काम किया है
अमित शाह ने कांग्रेस पर साधा था निशाना
कांग्रेस बार-बार भाजपा पर संविधान बदलने का आरोप लगा रही है. इस पर अमित शाह ने साफ किया कि भाजपा कभी ऐसा नहीं करेगी और न करने देगी. अमित शाह ने खुलकर कहा, “विपक्षी दल संविधान बदलने के मुद्दे को आरक्षण से जोड़कर पेश कर रही है. लेकिन मैं साफ कर देना चाहता हूं कि हमारे पास 2014 में भी संविधान बदलने के लिए पूर्ण बहुमत था और 2019 में तो भाजपा को पूर्ण बहुमत था. 10 साल से नरेंद्र मोदी जी पूर्ण बहुमत की सरकार के साथ शासन कर रहे हैं. हमने कभी आरक्षण को छेड़ा नहीं है.”