पंजाब की महिलाओं का अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन: ₹1000 प्रति माह का वादा पूरा नहीं होने का आरोप
दिल्ली में प्रदर्शन:
शनिवार (4 दिसंबर 2024) को पंजाब की महिलाओं के एक समूह ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया। इन महिलाओं का आरोप था कि पंजाब में AAP सरकार ने चुनावी वादा किया था कि हर महिला को ₹1000 प्रति माह दिए जाएंगे, लेकिन यह वादा अब तक पूरा नहीं हुआ। प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने कहा कि अब दिल्ली में ₹2100 प्रति माह का नया वादा करके केजरीवाल फिर से जनता को गुमराह कर रहे हैं।
केजरीवाल की मुफ्त योजना की हकीकत….!
पंजाब की महिलाओं ने पंजाब सरकार पर ₹1,000 मासिक सहायता के अधूरे चुनावी वादे का आरोप लगाते हुए
केजरीवाल के आवास पर विरोध प्रदर्शन किया।@ArvindKejriwal#KejriwalMahilaSammanYojna#Kejriwal #Punjab #punjabGovernment @AamAadmiParty… pic.twitter.com/G5m0sbrfc5
— One India News (@oneindianewscom) January 4, 2025
मुख्य बिंदु:
- प्रदर्शन का कारण:
- पंजाब में AAP सरकार ने महिलाओं को ₹1000 प्रति माह देने का वादा किया था, जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया है।
- महिलाओं का आरोप है कि केजरीवाल और भगवंत मान ने वोट हासिल करने के लिए यह वादा किया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं मिला।
- दिल्ली में ₹2100 का वादा किया जा रहा है, जिसे महिलाओं ने झूठा वादा और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
- महिलाओं का बयान:
- प्रदर्शनकारी महिलाएँ अमृतसर और गुरदासपुर से आई थीं।
- एक महिला ने कहा, “हमारे इलाके में लोग बहुत गरीब हैं, और हमें कुछ भी नहीं मिला। अब दिल्ली में वही हो रहा है।”
- उन्होंने यह भी पूछा कि यदि पंजाब में ₹1000 का वादा पूरा नहीं हुआ, तो दिल्ली में ₹2100 देने का वादा क्यों किया जा रहा है।
- पुलिस कार्रवाई:
- दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं को हिरासत में ले लिया।
- हिरासत में ली गई महिलाओं ने आरोप लगाया कि उनकी आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है।
- केजरीवाल का पलटवार:
- केजरीवाल ने विरोध कर रही महिलाओं पर कांग्रेस और बीजेपी से संबंध होने का आरोप लगाया।
- उन्होंने दावा किया कि “ये महिलाएँ पंजाब से नहीं आईं, बल्कि यह विरोध बीजेपी और कांग्रेस द्वारा प्रायोजित है।”
- केजरीवाल ने यह भी कहा कि पंजाब की महिलाएँ AAP के साथ हैं और उन पर विश्वास करती हैं।
- मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना:
- अरविंद केजरीवाल ने दिसंबर में मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना का ऐलान किया था, जिसके तहत दिल्ली की महिलाओं को ₹2100 प्रति माह देने की बात कही गई थी।
- हालांकि, बाद में महिला एवं बाल विकास (WCD) विभाग ने स्पष्ट किया कि यह योजना अभी तक अधिसूचित नहीं की गई है और ऐसी कोई योजना वजूद में नहीं है।
- दिल्ली सरकार के खिलाफ आरोप:
- दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर, विनय कुमार सक्सेना ने मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना के तहत व्यक्तिगत जानकारी एकत्र करने के आरोपों की जाँच शुरू की है।
- आरोप है कि कुछ अधिकारी गैर-सरकारी व्यक्तियों को पंजीकरण के नाम पर डेटा इकट्ठा करने का मौका दे रहे थे।
पंजाब की महिलाओं का प्रदर्शन AAP सरकार के वादों को लेकर नाराजगी को दर्शाता है। उनके द्वारा लगाए गए आरोपों ने दिल्ली सरकार की योजनाओं और कार्यों पर सवाल उठाए हैं, खासकर महिला सम्मान योजना के संदर्भ में। दिल्ली सरकार की तरफ से अभी तक इस योजना को औपचारिक रूप से लागू करने की कोई जानकारी नहीं आई है, जिससे इस मुद्दे पर और बहस हो सकती है।
#WATCH | Delhi: AAP National Convenor Arvind Kejriwal says "Those women belong to their (Congress and BJP) party. They have not come from Punjab, the women in Punjab are with us. They have faith in AAP. Congress and BJP should officially announce that they are contesting… https://t.co/boTSnCsQ4s pic.twitter.com/6Hf6AGpNvK
— ANI (@ANI) January 4, 2025
पानी के बिल को लेकर भी केजरीवाल ने दिया बयान
पानी के बिल को लेकर भी केजरीवाल ने एक बयान दिया है। केजरीवाल ने कहा, “अगर किसी का पानी का बिल बढ़ा हुआ आता है, तो उसे भरने की जरूरत नहीं है। हमारी सरकार जब सत्ता में लौटेगी, तो इन बिलों को माफ कर दिया जाएगा या सही किया जाएगा।”
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने केजरीवाल के इस बयान पर भी सवाल उठाए और इसे जनता को गुमराह करने की नई कोशिश बताया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि केजरीवाल झूठे वादे करके वोट लेने की राजनीति कर रहे हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में होने वाले हैं। इससे पहले केजरीवाल सरकार पर चुनावी वादों को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है। 2020 के चुनाव में AAP ने 70 में से 62 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को केवल 8 सीटों पर जीत मिली थी। वहीं, कॉन्ग्रेस जो कभी दिल्ली की सत्ता पर 15 साल तक काबिज थी, पिछले दो चुनावों में शून्य पर सिमट चुकी है।