वहीं इस कार्यक्रम के ऐलान के बाद चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनावों को लेकर भी बड़ा बयान दिया। पत्रकार वार्ता में एक सवाल के जवाब में मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया, “केंद्र शासित राज्य में राज्य में सुरक्षा स्थिति और एक साथ होने वाले अन्य चुनावों को देखते हुए यह निर्णय सही समय पर लिया जाएगा।” बता दें कि राज्य में आखिरी बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। इसके बाद भाजपा और पीडीपी की गठबंधन सरकार वर्ष 2015 में सत्तासीन हुई थी। भाजपा की ओर से समर्थन वापस लेने के बाद 19 जून 2018 को महबूबा मुफ्ती ने मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया था और उसके बाद जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू हुआ। बाद में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया।
#WATCH | On being asked about the election in Jammu & Kashmir, Chief Election Commissioner Rajiv Kumar says, "The decision to be taken at the right time as per the security situation and other simultaneous elections in the state." pic.twitter.com/7TkzWfKNyw
— ANI (@ANI) October 9, 2023
उपराज्यपाल चला रहे हैं जम्मू-कश्मीर का प्रशासन
इसके बाद पांच अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 और 35ए को हटा दिया। इसके साथ ही जम्मू कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पुनर्गठित किया गया। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के मुताबिक 31 अक्टूबर 2019 को अस्तित्व में आए केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में विधानसभा का प्रावधान है। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद से ही जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल शासन की बागडोर संभाले हुए हैं। इस समय उपराज्यपाल के रूप वहां मनोज सिन्हा कमान संभाले हुए हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव के भी दिए संकेत
चुनाव आयोग ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए मंच तैयार करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में 7 से 30 नवंबर के बीच अलग-अलग दिनों में मतदान होगा और तीन दिसंबर को पांच राज्यों के वोटों की गिनती की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले यह विधानसभा चुनाव का आखिरी चरण होगा।