हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं ने गंभीर तबाही मचाई है। कुल्लू, कांगड़ा और मंडी में हुए प्राकृतिक आपदा के कारण सैकड़ों सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जिससे यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है। बिजली के हजारों ट्रांसफार्मर ठप होने से आपूर्ति प्रभावित हुई है, वहीं जल आपूर्ति योजनाएं भी ठप हो गई हैं, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और भूस्खलन के कारण जो तबाही हुई है, वह चिंताजनक है। 583 सड़कों का अवरुद्ध होना, 2263 ट्रांसफार्मरों का ठप पड़ जाना और 279 जल आपूर्ति योजनाओं का प्रभावित होना राज्य में बुनियादी सेवाओं पर बड़ा असर डाल रहा है। कुल्लू, कांगड़ा और मंडी जैसे इलाकों में खासा नुकसान हुआ है, जहां वाहनों के बह जाने और घरों के खतरे की जद में आने की खबरें हैं।
Travel Advisory 🚨
If you’re planning a trip to Manali, Shimla, or any part of Himachal this weekend, please plan cautiously. Heavy rains have caused road closures & challenging conditions.
Weather is expected to clear by March 2.
— Nikhil saini (@iNikhilsaini) February 28, 2025
मुख्य घटनाएं:
- कुल्लू के पाहनाला और कांगड़ा के मुल्थान में बादल फटने से कई वाहन मलबे में दब गए।
- मनाली फोरलेन हाईवे कई जगहों पर भूस्खलन की वजह से बंद हो गया है।
- कांगड़ा में नौ वाहन क्षतिग्रस्त हुए, जबकि 12 घर खतरे की जद में आ गए, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।
- चंबा की पागी घाटी में भारी बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित हुआ और बिजली आपूर्ति बाधित रही।
स्थिति और राहत कार्य:
प्रशासन द्वारा सड़कों को साफ करने, बिजली और जल आपूर्ति बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल मौसम शांत है और आगामी दिनों में सुधार की उम्मीद है।
यह आपदा हिमाचल प्रदेश में मानसून के प्रभाव और बदलते जलवायु परिवर्तनों का संकेत देती है, जिससे राज्य को हर वर्ष प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है।