वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए गिग श्रमिकों के लिए महत्वपूर्ण ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार ई-श्रम पोर्टल के माध्यम से एक करोड़ गिग श्रमिकों के लिए पहचान पत्र और पंजीकरण की व्यवस्था करेगी, जिससे उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान में मदद मिलेगी। ये श्रमिक ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए डिलिवरी सेवाएं प्रदान करने वाले कर्मचारी, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर काम करने वाले कर्मचारी आदि हो सकते हैं।
गिग श्रमिकों के लिए सरकार का कदम:
- पहचान पत्र और पंजीकरण: सरकार ई-श्रम पोर्टल पर गिग श्रमिकों के लिए पहचान पत्र और पंजीकरण की व्यवस्था करेगी।
- स्वास्थ्य देखभाल: इन श्रमिकों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
- संभावित लाभ: इस उपाय से करीब एक करोड़ श्रमिकों को सहायता मिलने की संभावना है।
शहरी श्रमिकों के लिए योजना:
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि शहरी श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक नई योजना लागू की जाएगी, जो गिग श्रमिकों के योगदान को मान्यता देने का काम करेगी।
स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार:
- अगले वर्ष तक 10,000 मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में नई सीटों का इन्कलाब होगा।
- अगले पांच वर्षों में कुल 75,000 सीटें जोड़ी जाएंगी।
- डेकेयर कैंसर केंद्र सभी जिला अस्पतालों में तीन वर्षों के भीतर स्थापित किए जाएंगे, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के इलाज में सुधार होगा।
यह बजट गिग वर्कर्स और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए ठोस कदम साबित हो सकता है, जिससे देश की नई अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था में सशक्त बदलाव आएगा।