पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को करारी चोट पहुँची। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान और पीओके में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया। इस ऑपरेशन में 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया गया, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के बड़े सरगना यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद शामिल थे।
भारतीय सेना के डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि भारत की ओर से ये हमले 7-8 मई 2025 की रात शुरू हुए, जिसने पाकिस्तान को पूरी तरह चौंका दिया। इस दौरान भारतीय हमलों में 40 पाकिस्तानी फौजियों की मौत हुई, तो भारत के भी 5 जवानों को वीरगति प्राप्त हुई। इस दौरान डीजी एयर ऑपरेशन्स एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने एयरफोर्स के हमलों में पाकिस्तानी मौतों को लेकर पूछे जवाब में कहा कि हमारा काम पाकिस्तानी मौतों की गिनती करनी नहीं है, ये काम हम उनपर छोड़ते हैं। हमारा काम है, सटीक हमले करना, जो हमने किए। मौतों के आँकड़े दूसरी तरफ वाले दे सकेंगे।
सिविलियन विमानों की आड़ लेकर हमले कर रहा था पाकिस्तान
रविवार (11 मई 2025) की शाम को डीजीएमओ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया, जिसमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। भारत ने बताया कि पाकिस्तान ने इस दौरान सिविलियन विमानों की आड़ में ड्रोन हमले करने की साजिश रची। लाहौर और गुजराँवाला से ड्रोन और यूएवी (Unmanned Aerial Vehicles) भेजे गए, जिनका मकसद भारतीय शहरों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना था। लेकिन भारतीय वायुसेना पूरी तरह से तैयार थी।
एयर मार्शल ए.के. भारती ने बताया कि 8-9 मई की रात लाहौर और गुजराँवाला के सैन्य इलाकों से ड्रोन हमला किया गया, जिसे हमने निशाना बना लिया, लेकिन लाहौर से हमलों के समय पाकिस्तान ने न सिर्फ अपने घरेलू विमानों को उड़ान भरने की अनुमति दी थी, बल्कि इंटरनेशनल उड़ाने भी चल रही थी, जोकि काफी असंवेदनशील मामला था, इसलिए हमें आत्यधिक सावधानी बरतनी पड़ी।
डीजी एयर ऑपरेशन्स एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने बताया कि भारत का एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह तैयार था। 7 मई को भेजे गए ड्रोनों को नाकाम किया गया, और 8-9 मई की रात को भी पाकिस्तान के ड्रोन और कॉडकॉप्टर हमले विफल रहे। इनका उद्देश्य निगरानी और नागरिकों में दहशत फैलाना था, लेकिन भारत ने हर हमले को समय रहते नष्ट कर दिया।
सटीक हमलों में भारत ने तोड़ी पाकिस्तान की कमर
भारतीय वायुसेना ने जवाबी कार्रवाई में 8 मई को लाहौर की निगरानी रडार साइट्स को निशाना बनाया। बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख आतंकी ठिकाना मरकज सुभान अल्लाह को सटीक मिसाइल हमले से तबाह कर दिया गया। एयर मार्शल भारती ने ड्रोन और सैटेलाइट फुटेज दिखाते हुए बताया कि ये हमले इतने सटीक थे कि कोई अतिरिक्त नुकसान नहीं हुआ। मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा का हेडक्वार्टर भी नेस्तनाबूद किया गया, जहाँ 2008 के मुंबई हमले के आतंकी प्रशिक्षित हुए थे। उन्होंने कहा कि हम उन्हें बताना चाहते थे कि हम उनकी हरेक चीज को निशाना बना सकते हैं। ये महज चेतावनी थी।
अरब सागर में भारतीय नौसेना के डर से किनारे ही पड़े रहे पाकिस्तानी
भारतीय नौसेना भी इस ऑपरेशन में अहम भूमिका में थी। डीजी नेवल ऑपरेशन्स वाइस एडमिरल ए.ए. प्रमोद ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद नौसेना ने समुद्री सीमा पर अपनी तैनाती बढ़ा दी थी। पाकिस्तानी नौसेना को रक्षात्मक स्थिति में रहने के लिए मजबूर किया गया, और वे पूरे समय अपने बंदरगाहों में ही रहे। नौसेना ने सटीक हथियारों की आपूर्ति भी की, जिससे वायुसेना और सेना के हमले और प्रभावी हुए।
करीब 40 पाकिस्तानी फौजियों की गई जान
पाकिस्तान ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारी गोलाबारी शुरू की। जम्मू-कश्मीर के पुंछ, उरी, राजौरी, और उधमपुर जैसे इलाकों में गोले और मोर्टार दागे गए। पाकिस्तानी सेना ने नागरिक गाँवों और धार्मिक स्थलों जैसे पुंछ के गुरुद्वारे को भी निशाना बनाया, जिससे कई नागरिकों की जान गई। लेकिन भारतीय सेना ने इसका जवाब देते हुए पाकिस्तानी चौकियों पर आर्टिलरी फायर किया, जिसमें 35-40 पाकिस्तानी फौजी मारे गए। इस दौरान भारत के 5 जवान भी वीरगति को प्राप्त हुए।
पाकिस्तान की लगातार नाकाम कोशिशों और भारी नुकसान के बाद 10 मई की सुबह उनके डीजीएमओ ने हॉटलाइन पर संपर्क किया। दोपहर 3:35 बजे बातचीत हुई, और शाम 5 बजे से सीजफायर पर सहमति बनी। भारत ने अपनी शर्तों पर इस समझौते को स्वीकार किया। हालाँकि, पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में फिर सीजफायर का उल्लंघन किया, जिसका भारत ने कड़ा जवाब दिया। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ने सेना को जवाबी कार्रवाई के लिए खुली छूट दे दी है।