प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2024 के में अपने कार्यकाल का 10 वर्ष पूरा कर लेंगे। इसके बावजूद उनकी सरकार के खिलाफ न तो कहीं कोई एंटी-इंकम्बेंसी दिखती है और न ही भ्रष्टाचार के एक भी पुख्ता आरोप लगे हैं।उधर राहुल गाँधी ने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की और उनकी कॉन्ग्रेस पार्टी को कर्नाटक में भी जीत मिली। मीडिया फिर से उनकी छवि बनाने में लग गया है
खास बात ये है कि ये कर्नाटक में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद हुआ। इस सर्वे से जनता के मूड को भाँपने का प्रयास किया गया। 43% लोगों ने कहा कि NDA को लगातार तीसरी बार सत्ता में आना चाहिए, जबकि 38% का ऐसा नहीं मानना है। 39% लोगों का कहना है कि अगर अभी लोकसभा चुनाव हो जाते हैं तो वो भाजपा को वोट देंगे। वहीं कॉन्ग्रेस के पक्ष में मतदान करने की बात मात्र 29% लोगों ने ही की। नरेंद्र मोदी को 43%, जबकि राहुल गाँधी को 27% लोग प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल 4% लोगों की पसंद हैं। जबकि 3% लोग सपा प्रमुख अखिलेश यादव और 1% बिहार के सीएम नीतीश कुमार को पीएम बनते देखना चाहते हैं। 25% लोगों ने कहा कि वो पीएम मोदी के बोलने के अंदाज़ के कारण उन्हें पसंद करते हैं, जबकि 25% ने उनकी विकास योजनाओं के कारण उन्हें अपनी पसंद बताया। 13% ने उनकी मेहनत के कारण उन्हें अपनी पसंद करार दिया।
खास बात ये है कि मात्र 23% लोग ऐसे हैं, जिन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पसंद नहीं हैं। 34% ने कहा कि राहुल गाँधी 2024 लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी के मजबूत विरोधी के तौर पर रह सकते हैं, जबकि 11% ने अरविंद केजरीवाल और 4% ने अखिलेश यादव का नाम लिया। 55% लोग केंद्र सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं, 17%जिनमें अति पूर्ण रूप से संतुष्ट हैं। 37% लोगों ने कहा कि ED-CBI सही तरीके से काम कर रही है। 2019 के 37% के मुकाबले भाजपा का वोट शेयर 39% दिख रहा है, जबकि कॉन्ग्रेस का 19% के मुकाबले 29% हो गया है, ऐसे इस सर्वे में पता चला।