ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत में ‘आशा की नई उड़ान’
– एक बदलाव की कहानी: राष्ट्रीय मनोदशा, भरोसा और भविष्य की दिशा
भारत की सैन्य कार्रवाई और नागरिकों की आशा का आपसी संबंध
7 मई को भारत सरकार द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के अंतर्गत पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की कार्रवाई न केवल सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण थी, बल्कि इसने देश के नागरिकों के मनोबल, आशावाद और भरोसे को भी अभूतपूर्व रूप से ऊंचा किया।
इप्सोस सर्वे रिपोर्ट से मुख्य बिंदु
भारत में राष्ट्रीय आशावाद में तेज़ उछाल
- ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की Optimism Index (आशावाद सूचकांक) में 3% की वृद्धि हुई।
- भारत अब 65% नागरिकों की सकारात्मक राय के साथ दुनिया में चौथे स्थान पर है।
रैंक | देश | आशावाद प्रतिशत |
---|---|---|
1 | सिंगापुर | 77% |
2 | मलेशिया | 69% |
3 | इंडोनेशिया | 67% |
4 | भारत | 65% |
5 | अर्जेंटीना | 56% |
वैश्विक औसत: केवल 37% नागरिक मानते हैं कि उनका देश सही दिशा में जा रहा है।
“ऑपरेशन सिंदूर” का मनोवैज्ञानिक प्रभाव
- लोगों का विश्वास प्रशासन और सशस्त्र बलों में बढ़ा।
- नागरिकों को लगा कि सरकार अब सिर्फ बात नहीं, कार्रवाई कर रही है।
- पाकिस्तान को मिला सख्त संदेश: आतंकवाद को भारत सहन नहीं करेगा।
“ऑपरेशन सिंदूर ने ये सिद्ध कर दिया कि भारत की सरकार और सेना न केवल तैयार हैं, बल्कि सटीक और संयमित तरीके से कार्यवाही करने में सक्षम हैं।”
भारतीयों के लिए शीर्ष 5 चिंताएं – इप्सोस रिपोर्ट
रैंक | मुद्दा | चिंता का प्रतिशत | बदलाव |
---|---|---|---|
1 | मुद्रास्फीति | 37% | 🔻 -2% |
2 | बेरोज़गारी | 33% | 🔻 -2% |
3 | आतंकवाद | 26% | 🔺 +11% |
4 | अपराध और हिंसा | 25% | ➖ |
5 | वित्तीय या राजनीतिक भ्रष्टाचार | 21% | ➖ |
आतंकवाद में चिंता बढ़ी, लेकिन सरकार की सख्त कार्रवाई ने विश्वास भी बढ़ाया।
दुनिया के अन्य देशों की स्थिति
देश | नागरिकों का कहना है “हम गलत दिशा में जा रहे हैं” |
---|---|
पेरू | 91% |
दक्षिण कोरिया | 85% |
फ्रांस | 81% |
अमेरिका | कर व्यवस्था सबसे बड़ी चिंता (20%) |
‘आशा की नई उड़ान’ का सार
- ऑपरेशन सिंदूर सैन्य कार्रवाई से आगे बढ़कर एक सामाजिक और राजनीतिक मोड़ बन गया है।
- इसने सरकार, सेना और नागरिकों के बीच भरोसे का नया पुल तैयार किया है।
- देश के नागरिकों को अब लग रहा है कि वे सही नेतृत्व के साथ सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।