मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ सदर से विधायक अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में बड़ा झटका लगा है। मऊ की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने उन्हें दोषी करार देते हुए दो साल की सजा और 2000 रुपये का जुर्माना सुनाया है। कोर्ट ने अब्बास अंसारी के साथ उनके भाई मंसूर अंसारी को भी दोषी माना है।
मामला क्या है?
- साल 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार में अब्बास अंसारी ने एक भड़काऊ बयान दिया था जिसमें उन्होंने कहा था:
“सरकार बनने के बाद अफसरों से हिसाब बराबर कर लिया जाएगा।”
- इस बयान को लेकर काफी विवाद हुआ और चुनाव आयोग ने अब्बास अंसारी पर 24 घंटे के लिए प्रचार प्रतिबंध लगाया था।
- बयान के चलते उनके खिलाफ हेट स्पीच का केस दर्ज हुआ था, जिसकी सुनवाई अब पूरी हुई।
कोर्ट का फैसला:
- मऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दोषी ठहराया।
- उन्हें 2 साल की जेल की सजा और ₹2000 का जुर्माना लगाया गया।
- उनके भाई मंसूर अंसारी को भी सजा मिली है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि:
- अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) से विधायक हैं, जो 2022 के चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन में थी।
- उन्होंने मऊ सदर सीट से पहली बार चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
- अब सुभासपा ने सपा से गठबंधन तोड़कर भाजपा से हाथ मिला लिया है।
आगे क्या हो सकता है?
- अब्बास अंसारी को मिली दो साल की सजा का असर उनकी विधायकी पर पड़ सकता है।
- अगर ऊपरी अदालत से उन्हें राहत नहीं मिलती है, तो सांसद-विधायक अयोग्यता कानून (Representation of the People Act) के तहत उनकी सदस्यता रद्द की जा सकती है।