भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) की गतिविधियों को लेकर बेहद गंभीर संकेत देता है। यहां इस पूरे मामले का सारांश और प्रमुख बिंदु प्रस्तुत हैं:
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत में जासूसी नेटवर्क का खुलासा: कासिम की गिरफ्तारी का मामला
🔹 कासिम की पृष्ठभूमि
- नाम: मोहम्मद कासिम
- गिरफ्तारी स्थान: डीग, भरतपुर (राजस्थान)
- पूर्व रिकॉर्ड: 5 साल तिहाड़ जेल में किडनैपिंग केस में सजा काट चुका है
- कनेक्शन: दिल्ली में परिवार के साथ रहा; वर्तमान में ISI जासूसी नेटवर्क का हिस्सा
जांच में सामने आए खुलासे
- ISI की ट्रेनिंग:
- लाहौर के आर्मी कैंप में ट्रेनिंग ली
- तीन ISI अधिकारी ट्रेनिंग में शामिल:
- शाहजी (कोड नेम)
- ताऊजी (कोड नेम)
- वकास (पहचान स्पष्ट)
- जासूसी का दायरा:
- अलवर आर्मी स्टेशन पर निगरानी
- आर्मी मूवमेंट की टाइमिंग व फोटोज़ हैंडलर्स को भेजे
- तकनीकी संसाधनों का इस्तेमाल:
- मोबाइल ऐप्स, कोडेड चैनल, सिम कार्ड्स, एन्क्रिप्शन माध्यम
- विशेष डिवाइसेज़ और फर्जी दस्तावेज़ों की जांच जारी
- नेटवर्क:
- ISI नेटवर्क के 2 अन्य सहयोगियों की तलाश:
- हसीन (भाई) – फरार
- अन्य सहयोगी की पहचान प्रक्रिया में
- मौलाना अफजल (चचेरा भाई) – मदरसा बनवा रहा, फंडिंग की जांच जारी
- इश्तियाक (चचेरा भाई) – कासिम के साथ रहता था, फरार
- ISI नेटवर्क के 2 अन्य सहयोगियों की तलाश:
दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की प्राथमिक जांच
- ट्रेनिंग की लोकेशन, समय, उद्देश्य का निर्धारण
- भर्ती प्रक्रिया, संपर्क के तरीके, भुगतान प्रणाली
- क्या कासिम ने अन्य जगहों पर भी जासूसी की?
- कासिम को मिले गैजेट्स, पैसे, डिवाइस, और संवाद माध्यम
राष्ट्रीय सुरक्षा पर बड़ा खतरा
यह मामला बताता है कि ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान न केवल सीमाओं पर सक्रिय है बल्कि भारत के भीतर सोए हुए ISI मॉड्यूल को भी सक्रिय कर रहा है। यह हाइब्रिड वॉरफेयर का हिस्सा है, जिसमें धार्मिक, सामाजिक, और आर्थिक कमजोरियों का इस्तेमाल कर दुश्मन राष्ट्र जासूसी और अस्थिरता फैलाने की कोशिश करता है।
महत्वपूर्ण प्रश्न जो एजेंसियों के सामने हैं:
- क्या कासिम अकेला था या उसके जरिए एक बड़ा जासूसी मॉड्यूल सक्रिय था?
- मदरसा फंडिंग के पीछे पाकिस्तान से फंड ट्रांसफर हुआ क्या?
- कासिम की गिरफ्तारी के बाद भारत के किसी सैन्य गोपनीय ऑपरेशन में खतरा बढ़ा?