भारत का ब्रहमोस मिसाइल सिस्टम और ‘प्लान 5’ – ऑपरेशन सिंदूर के बाद
ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस की भूमिका
- भारत ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर ध्वस्त किया।
- पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने खुलकर माना कि भारतीय वायुसेना की ब्रह्मोस मिसाइलों ने हमले किए।
- ब्रह्मोस ने भारतीय हवाई हमलों में सबसे अहम भूमिका निभाई, खासकर तमिलनाडु स्थित स्क्वाड्रन के IAF के सुखोई-30 विमानों से दागे गए संस्करण ने।
ब्रह्मोस मिसाइल की खासियतें
- सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल — ध्वनि की गति से लगभग 3 गुना तेज़।
- 400 किलोमीटर की मारक क्षमता।
- थल सेना, नौसेना, और वायुसेना सभी में उपयोगी।
- भारतीय नौसेना के युद्धपोतों और वायुसेना के विमानों में तैनात।
भारत का ब्रह्मोस पर ‘प्लान 5’
- 800 किलोमीटर रेंज वाला एक्सटेंडेड रेंज (ER) वर्जन विकसित किया जा रहा है।
- पनडुब्बी से दागे जाने वाले संस्करण का परीक्षण शीघ्र होगा; इसे P75I पनडुब्बी प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा।
- राफेल और अन्य लड़ाकू विमानों के लिए हल्का वर्जन विकसित हो रहा है।
- एक हाइपरसोनिक ब्रह्मोस पर काम जारी है, जो गति में और वृद्धि करेगा।
- ब्रह्मोस का रणनीतिक निर्यात शुरू हो चुका है:
- फिलीपींस ने खरीद समझौता किया।
- वियतनाम और कई दक्षिण-पूर्व एशियाई, मध्य पूर्वी देश रुचि दिखा रहे हैं।
वैश्विक और रणनीतिक महत्व
- ब्रह्मोस ने पाकिस्तान की एयर डिफेंस क्षमता को चुनौती दी है।
- 2022 में एक दुर्घटनावश ब्रह्मोस की फायरिंग ने इसकी पहुंच और क्षमता साबित की।
- यह मिसाइल भारत की बढ़ती सैन्य ताकत और प्रभाव को दर्शाती है।
निष्कर्ष
ब्रहमोस मिसाइल सिस्टम भारत की रक्षा में एक गेम चेंजर है।
यह न सिर्फ सीमा सुरक्षा को मजबूत करता है, बल्कि देश के सामरिक ताकत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा भी देता है।