बम-बम भोले और हर-हर महादेव के जयकारों के बीच 2 जुलाई से जम्मू से बाबा अमरनाथ यात्रा का शुभारंभ हो गया है। पहले जत्थे को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। लगभग चार हजार श्रद्धालुओं का यह पहला जत्था पहलगाम और बालटाल रूट से पवित्र अमरनाथ गुफा की ओर रवाना हुआ। देशभर से श्रद्धालु बड़ी संख्या में जम्मू पहुंचे हैं और उन्हें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत बेस कैंप तक पहुंचाया जा रहा है। हालांकि दर्शन की आधिकारिक शुरुआत 3 जुलाई से होगी।
Official Date declared : Amarnath Yatra 2025 from 3rd Jul to 09th August. Advance registrstion will start soon. https://t.co/lDzfldHMzS #AmarnathYatra2024 #AmarnathYatra pic.twitter.com/dUe8fBlZO0
— amarnath yatra (@amarnathjiyatra) March 5, 2025
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने इस वर्ष तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर इंतजाम किए हैं, जिससे उनकी यात्रा सुखद और सुविधाजनक हो सके। आतंकी खतरों के बावजूद श्रद्धालुओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है और बड़ी संख्या में लोग बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। यात्रा की सुरक्षा को लेकर सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवान चप्पे-चप्पे पर तैनात हैं। यह 38 दिन तक चलने वाली यात्रा 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी।
Flagged off first batch of pilgrims of Shri Amarnath Ji Yatra-2025 from Bhagwati Nagar Base Camp. Wishing all spiritual seekers a safe & comfortable journey to the holy abode of Lord Shiva and deeply soul-stirring experience. Prayed to Baba Amarnath for peace & blessings to all. pic.twitter.com/2JIoxvAD4G
— Office of LG J&K (@OfficeOfLGJandK) July 2, 2025
इस बार अब तक करीब 3.20 लाख श्रद्धालु पंजीकरण करवा चुके हैं और ऑन-स्पॉट रजिस्ट्रेशन की भी सुविधा उपलब्ध है, लेकिन श्रद्धालुओं को सलाह दी गई है कि वे पहले से ही पंजीकरण और चिकित्सा स्वास्थ्य प्रमाण पत्र लेकर आएं, क्योंकि बिना इनके दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। बाबा अमरनाथ गुफा की ऊंचाई समुद्र तल से 13,000 फीट है और वहां पहुंचने के लिए दो मार्ग हैं—एक पारंपरिक 45 किलोमीटर लंबा पहलगाम मार्ग और दूसरा 14 किलोमीटर का अपेक्षाकृत आसान बालटाल मार्ग।
गुफा में बनने वाला प्राकृतिक हिमलिंग श्रद्धालुओं के आकर्षण का मुख्य केंद्र होता है। सुरक्षा के मद्देनजर इस बार 581 कंपनियां केंद्रीय बलों की तैनात की गई हैं और अमरनाथ यात्रा मार्ग को नो-फ्लाइंग ज़ोन घोषित किया गया है। सरकार का प्रयास है कि यात्रा शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हो और श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
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