मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदिवासियों के वोट देने को लेकर एक बड़ा बयान दिया. सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के सत्ता में आने से पहले आदिवासियों को वोट देने का अधिकार नहीं था. उन्होंने कहा कि वामपंथी और मिशनरी आदिवासियों का ब्रेनवॉश करते थे. लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने ये बयान दिया.
भारत के अंदर यात्राओं की एक लंबी शृंखला रही है, जिसके माध्यम से हमारी ऋषि परंपरा ने भारत को जोड़ने का कार्य किया।
इसी शृंखला में आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आदरणीय सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले जी की गरिमामयी उपस्थिति में लखनऊ में आयोजित गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा… pic.twitter.com/ODv1H9BDAW
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) April 21, 2025
गुरु गोरखनाथ स्वास्थ्य सेवा यात्रा 5.0 के सम्मान समारोह में सीएम योगी ने कहा कि 2017 से पहले आदिवासियों को वोट देने का अधिकार नहीं था. पहले राशन कार्ड और कनेक्टिविटी की सुविधा नहीं थी. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद उन्हें ये सुविधा दी गई. बीजेपी ने थारू, मुसहर, कोल और गोंड समेत सभी जनजातियों को हर सुविधा मुहैया कराई. सीएम योगी ने कहा कि 55 गांव में वनटांगिया को भी कोई अधिकार नहीं था. आदिवासियों की ये स्थिति राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा बनने की ओर आगे बढ़ रही थी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह बयान आदिवासी समाज के सशक्तिकरण और उनकी सामाजिक-आर्थिक भागीदारी को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। 2017 से पहले आदिवासी समुदायों के साथ जो भेदभाव और शोषण होता था, उस पर उन्होंने खुलकर बात की और बताया कि कैसे भाजपा सरकार के आने के बाद पहली बार इन समुदायों को सम्मान और अधिकार मिलना शुरू हुआ।
मुख्य बिंदु:
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शोषण से अधिकार तक:
योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा कि वन विभाग और पुलिस जैसी संस्थाएं भी पहले आदिवासियों का शोषण करती थीं, लेकिन 2017 के बाद इन्हें राजस्व गांव की मान्यता दी गई, जिससे सरकारी योजनाएं उन तक पहुँचीं। -
विकास की गवाही:
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सड़कें, बिजली, पानी हर गांव तक पहुँची।
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सभी को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिले।
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आंगनवाड़ी, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र खोले गए।
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राशन, आयुष्मान भारत योजना, और पेंशन जैसी सुविधाएं सुलभ हुईं।
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लोकतांत्रिक भागीदारी: 2022 और 2024 के चुनावों में पहली बार कई आदिवासी मतदाताओं ने मतदान किया—ये दिखाता है कि अब वे लोकतंत्र का हिस्सा बन रहे हैं।
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धार्मिक यात्राओं की भूमिका: योगी ने धार्मिक यात्राओं को केवल आस्था नहीं, बल्कि सामाजिक एकता का माध्यम बताया।
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का संदेश: दत्तात्रेय होसबोले ने सेवा को भारत की आत्मा बताया और कहा कि सेवा करने वाले हाथ प्रार्थना करने वाले होंठों से ज्यादा जरूरी हैं। उन्होंने समाज के हाशिये पर खड़े लोगों के प्रति संवेदनशीलता और कृतज्ञता की बात की।