गुजरात के देवभूमि द्वारका और बेट द्वारका में राज्य सरकार द्वारा चलाए गए बुलडोजर अभियान ने एक बार फिर से ध्यान आकर्षित किया है। इस अभियान का उद्देश्य तटीय इलाकों में सरकारी जमीन पर हुए अवैध अतिक्रमण को हटाना है, जो धार्मिक स्थलों और सुरक्षा के दृष्टिकोण से संवेदनशील माने जाते हैं।
अभियान की मुख्य बातें:
- अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई:
- इस ध्वस्तीकरण अभियान में 40 से 50 अवैध आवासीय और व्यावसायिक ढाँचों को हटाया गया है।
- प्रशासन और पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच यह कार्रवाई की।
- ऑपरेशन के दौरान ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी गई और 1,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए।
- बेट द्वारका पर विशेष ध्यान:
- बेट द्वारका, जो भगवान श्रीकृष्ण की पवित्र भूमि है, करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है।
- राज्य सरकार का कहना है कि धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों पर किसी भी तरह के अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
- श्रद्धालुओं के प्रवेश पर अस्थायी रोक लगाई गई है, लेकिन मंदिर में पूजा-अर्चना निर्बाध जारी रहेगी।
- राज्य सरकार का रुख:
- गुजरात के गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बेट द्वारका में आस्था और संस्कृति की रक्षा करना सरकार की प्राथमिकता है।
- मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, विशेष रूप से तटीय क्षेत्रों में सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों के खिलाफ।
- पिछली कार्रवाई का संदर्भ:
- साल 2022 में भी द्वारका और अन्य तटीय क्षेत्रों जैसे सोमनाथ और पोरबंदर में बड़े पैमाने पर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जों को हटाने की कार्रवाई की गई थी।
- द्वारका के बाद सोमनाथ में भी यह अभियान जारी रहा और सैकड़ों एकड़ सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त किया गया।
- सुरक्षा और संवेदनशीलता:
- गुजरात का 1,600 किमी लंबा तटीय क्षेत्र सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है।
- राज्य सरकार ने तटीय इलाकों में सुरक्षा को मजबूत करने और अतिक्रमण को हटाने के लिए विशेष कदम उठाए हैं।
बेट द्वारका का महत्व:
- बेट द्वारका भारत के पश्चिमी छोर पर स्थित है और द्वारका से 2 किमी दूर एक द्वीप है।
- यह स्थान हिंदुओं के लिए भगवान कृष्ण का ऐतिहासिक और पवित्र स्थल है, जहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं।
- हाल ही में बने पुल ने इस क्षेत्र को और अधिक सुगम बना दिया है, लेकिन अतिक्रमण से सुरक्षा और धार्मिक वातावरण पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
भविष्य की योजना:
- सरकारी सूत्रों के अनुसार, जहाँ भी अवैध निर्माण मिलेगा, वहाँ बुलडोजर कार्रवाई जारी रहेगी।
- प्रशासन का कहना है कि यह अभियान सभी संवेदनशील और अतिक्रमित क्षेत्रों को पुनः संरक्षित करने के उद्देश्य से चलाया जा रहा है।
सरकार की प्राथमिकता:
गुजरात सरकार ने स्पष्ट किया है कि धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों की आस्था और पवित्रता की रक्षा करना, साथ ही सुरक्षा सुनिश्चित करना, उनकी प्राथमिकता है। यह बुलडोजर अभियान इस नीति को लागू करने का एक हिस्सा है।
हर्ष संघवी ने अपने पोस्ट में लिखा, “बेट द्वारिका देश भर के करोड़ों लोगों की आस्था की भूमि है। कृष्ण भूमि में किसी भी अवैध अतिक्रमण को नहीं होने देंगे। हमारी आस्था और संस्कृति की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है। गुजरात में भूपेन्द्र भाई पटेल सरकार ने अवैध अतिक्रमण के प्रति जीरो टॉलरेंस दिखाया है।”
बेट द्वारिका देश भर के करोड़ों लोगों की आस्था की भूमि है। कृष्ण भूमि में किसी भी अवैध अतिक्रमण को नहीं होने देंगे। हमारी आस्था और संस्कृति की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है।
Bhupendra Bhai Patel government in Gujarat has shown zero tolerance for illegal encroachment. pic.twitter.com/gaa8ZBKMoL
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) January 11, 2025
राजनीतिक दृष्टिकोण:
- इस तरह की कार्रवाइयों से सरकार अपने आस्था और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध रुख को दर्शाना चाहती है।
- यह अभियान सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति और प्रशासनिक सख्ती का संकेत देता है।
बेट द्वारका में अतिक्रमण हटाने का यह अभियान न केवल धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और संरक्षण सुनिश्चित करता है, बल्कि सरकार की मजबूत प्रशासनिक नीति को भी दर्शाता है। तटीय क्षेत्रों में इस तरह की कार्रवाई से सुरक्षा और सांस्कृतिक विरासत को बचाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।