राज्यसभा की 56 सीटों के लिए 27 फरवरी को मतदान होना है. खास बात यह है कि नाम वापस लेने की आखिरी तारीख से पहले ही 41 सीटों की तस्वीर बिल्कुल साफ हो गई है. साफ शब्दों में कहें तो राज्यसभा (Rajya Sabha Election 2024) की 41 सीटों पर उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत गए हैं, अब सिर्फ 15 सीटें बची हैं, जिन पर चुनाव होना है. बता दें कि अलग-अलग राज्यों की 41 सीटों के लिए 41 उम्मीदवारों के नामों का ही ऐलान किया गया था, जिनके राज्यसभा पहुंचने का रास्ता साफ हो गया है.
12 राज्यों में निर्विरोध जीत, बीजेपी के कौन से उम्मीदवार?
1-गुजरात: बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत पार्टी के अन्य तीन अन्य उम्मीदवार गुजरात से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. जेपी नड्डा के अलावा अन्य के नाम हीरा कारोबारी गोविंदभाई ढोलकिया, बीजेपी नेता जसवंत सिंह परमार और मयंक नायक हैं.
2-छत्तीसगढ़: बीजेपी उम्मीदवार देवेन्द्र प्रताप सिंह राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए हैं. राज्य में राज्यसभा के लिए एकमात्र सीट थी, जो बीजेपी के पाले में गई है.
3-हरियाणा: बीजेपी ईकाई के पूर्व अध्यक्ष सुभाष बराला राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुने गए हैं. राज्य में एकमात्र सीट पर बीजेपी का उम्मीदवार निर्विरोध चुना गया है.
4-उत्तराखंड: बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र भट्ट राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. वह अनिल बलूनी की जगह लेंगे, उनका राज्यसभा का कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो रहा है.
5-बिहार: राज्यसभा के छह उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं, इनमें तीन उम्मीदवार एनडीए के हैं और 3 अन्य उम्मीदवार INDIA गठबंधन के हैं. बीजेपी की धर्मशीला गुप्ता और भीम सिंह के साथ ही जेडीयू के संजय कुमार झा नर्विरोध चुने गए हैं.
6-मध्य प्रदेश: पांच उम्मीदवार राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं, जिनमें चार उम्मीदवार बीजेपी के हैं. इनके नाम केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन समेत , उमेश नाथ महाराज, किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बंशीलाल गुर्जर और मध्यप्रदेश बीजेपी महिला शाखा की अध्यक्ष माया नारोलिया शामिल हैं.
7-महाराष्ट्र: अशोक चव्हाण समेत सभी छह उम्मीदवार राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. इनमें बीजेपी के तीन शिंदे की शिवसेना और एनसपी का एक-एक उम्मीदवार शामिल है.
8-राजस्थान: बीजेपी उम्मीदवार चुन्नी लाल गरासिया और मदन राठौड़ राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए और कांग्रेस उम्मीदवार सोनिया गांधी भी निर्विरोध चुनी गई हैं.
9-बंगाल: पांच उम्मीदवार राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं, जिनमें 4 टीएमसी और एक बीजेपी से है. टीएमसी की सुष्मिता देव, सागरिका घोष, ममता ठाकुर और मोहम्मद नदीमुल हक ने राज्यसभा के लिए जीत हासिल की है तो वहीं बीजेपी के समिक भट्टाचार्य निर्विरोध चुने गए हैं.
10-आंध्र प्रदेश: वाईएसआर कांग्रेस के तीन उम्मीदवार राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. वाई वी सुब्बा रेड्डी, जी बाबू राव और एम रघुनाधा रेड्डी को आंध्र प्रदेश से राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया है.
11-तेंलगाना: राज्यसभा की तीन सीटों पर उम्मीदारों को निर्विरोध जीत हासिल हुई है. दो सीटें सत्तारूढ़ कांग्रेस को रेणुका चौधरी और अनिल कुमार यादव और एक सीट बीआरएस के वी रविचंद्र ने जीती है.
12-ओडिशा: तीन उम्मीदवार राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. जिनमें बीजेपी के केंद्रीय मंत्री अश्वी वैष्णव और बीजू जनता दल के देबाशीष सामंतराय और सुभाशीष खुंटिया शामिल हैं.
इन 15 सीटों पर 27 फरवरी को मुकाबला
उत्तर प्रदेश की 10 सीटों, कर्नाटक की 4 सीटों और हिमाचल प्रदेश की 1 सीट के लिए 27 फरवरी को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा और वोटों की गिनती उसी दिन शाम 5 बजे से शुरू होगी. बता दें कि उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. बीजेपी ने 8 उम्मीदवार- पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह, पूर्व सांसद चौधरी तेजवीर सिंह, राज्य पार्टी महासचिव अमरपाल मौर्य, पूर्व राज्य मंत्री संगीता बलवंत, पार्टी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी, पूर्व विधायक साधना सिंह, आगरा के पूर्व मेयर नवीन जैन और पूर्व सपा नेता संजय सेठ को उम्मीदवार बनाया है. जबकि समाजवादी पार्टी ने जया बच्चन को एक बार फिर से उम्मीदार घोषित किया है. साथ ही पूर्व सांसद रामजीलाल सुमन और सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी आलोक रंजन की उम्मीदवारी का भी ऐलान किया है.
कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में कितनी सीटों पर चुनाव?
कर्नाटक में चार सीटों के लिए पांच उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने अजय माकन, सैयद नसीर हुसैन और जीसी चंद्रशेखर को मैदान में उतारा है, जबकि बीजेपी की तरफ से नारायणसा बैंडेज उम्मीदवार हैं. जेडी(एस) की तरफ से पूर्व राज्यसभा सदस्य डी कुपेंद्र रेड्डी मैदान में हैं. हिमाचल प्रदेश में, बीजेपी ने एकमात्र सीट के लिए कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी के खिलाफ हर्ष महाजन को मैदान में उतारकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है.
क्या बैठ रहा है सियासी गणित?
बीजेपी को अपने सभी आठ उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए 296 विधायकों के प्रथम वरीयता के वोट की जरूरत होगी. पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास 286 विधायकों का समर्थन है जो जरूरी संख्याबल से 10 कम है. वहीं, सपा को अपने सभी तीन उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए 111 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.
सपा के 108, कांग्रेस के दो और बसपा का एक विधायक है. अगर सभी सपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करें तो पार्टी की तीसरी सीट आराम से निकल सकती है लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा. अपना दल कमेरावादी की नेता और सपा विधायक पल्लवी पटेल ने दो टूक कह दिया है कि वह बच्चन और रंजन को वोट नहीं देंगी. अब कांग्रेस और सपा की राहें भी सूबे में जुदा होती नजर आ रही हैं. ऐसे में अगर कांग्रेस किनारा कर लेती है, पल्लवी पार्टी उम्मीदवार को वोट नहीं देती हैं और बसपा का भी साथ नहीं मिलता है तो सपा नंबरगेम में 107 वोट तक पहुंचती नजर आ रही है. यूपी में सपा और जनसत्ता दल की बढ़ती नजदीकियों से एक समीकरण यह भी बन रहा है कि अगर कांग्रेस और राजा भैया की पार्टी, दोनों के दो-दो विधायक सपा के पक्ष में मतदान करते हैं तो पार्टी की तीसरी सीट निकल सकती है. जनसत्ता दल कई अहम मौकों पर बीजेपी के साथ खड़ी नजर आई है लेकिन एक दिन पहले ही सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने राजा भैया से मुलाकात की थी. इसके बाद राजा भैया के सुर भी सपा को लेकर नरम नजर आए हैं.