लोकसभा चुनावों को लेकर पंजाब में अब राजनीति तेज हो गई है। अलग-अलग राज्यों में राजनीतिक दलों द्वारा अपने-अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जा रही है। इस बीच पटियाला से सांसद और पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर आज बीजेपी में शामिल हो गई हैं। माना जा रहा है कि भाजपा उन्हें पटियाला सीट से लोकसभा चुनाव में उतार सकती है।
30 साल में पहली बार बीजेपी उम्मीदवार यहां से लड़ेगा चुनाव
परनीत कौर पंजाब की पटियाला सीट से चार बार कांग्रेस की सांसद रही हैं। उन्हें बीजेपी पटियाला से सीट दे सकती है क्योंकि वो बीते 25 सालों से पटियाला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रही है। इसके साथ ही ये 30 सालों में पहला मौका होगा जब बीजेपी का कोई उम्मीदवार इस सीट से चुनाव लड़ेगा।
#WATCH कांग्रेस से निलंबित सांसद और पंजाब के पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर आज दिल्ली में बीजेपी में शामिल हुईं। pic.twitter.com/JUEEzUTXRt
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 14, 2024
कैप्टन अमरिंदर ने कांग्रेस छोड़कर बनाई थी पार्टी
20 सिंतबर 2021 को जब कांग्रेस हाईकमान ने कैप्टन के हाथों से पंजाब की कप्तानी लेकर दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को सौंप दी, तो अमरिंदर सिंह बागी बन गए. उन्होंने पार्टी साथ छोड़ दिया और अपनी खुद की पार्टी (पंजाब लोक कांग्रेस) बनाई और बीजेपी के साथ मिलकर पंजाब की सियासत में किस्मत आजमाने उतरे और हार का सामना करना पड़ा था. बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब की सियासत का बड़ा नाम माना जाता रहा हैं. दो दशकों तक कांग्रेस का रज्य में चेहरा रहे हैं. कैप्टन का जन्म 11 मार्च 1942 को पटियाला के एक शाही परिवार में हुआ था. महाराजा यादवेंद्र सिंह के बेटे अमरिंदर की पढ़ाई लिखाई कसौली के वेल्हम बॉयज स्कूल, स्नावर स्कूल और देहरादून के दून स्कूल में हुई. दो बार पंजाब के मुख्यंत्री रहे अमरिंदर के लिए एक वक्त ऐसा भी था जब कांग्रेस में उनका अच्छा खासा दबदबा था. गांधी परिवार के करीबी माने जाते थे और अब उसी कांग्रेस के खिलाफ झंडा उठा रखा है.
कैप्टन का सियासी पारी का आगाज
कैप्टन अमरिंदर सिंह के पिता महाराजा यादवेंद्र सिंह पटियाला रियासत के अंतिम राजा थे. राज परिवार ताल्लुक रखने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भारतीय सेना में भी सेवाएं दी और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में लड़े भी. 1980 के दशक में देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कहने पर अमरिंदर सिंह ने राजनीति में कदम रखा था. कांग्रेस को पंजाब में चेहरा चाहिए था और कैप्टन को भी एक मजबूत शुरुआत की दरकार थी. ऐसे में राजीव गांधी ने अपने ‘दोस्त’ कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भरोसा जताया और अमरिंदर ने जीत हासिल कर उस भरोसे को हमेशा के लिए जीत लिया. लेकिन फिर चार साल बाद जब गोल्डन टैंपल पर सैन्य कार्रवाई हुई, तो कैप्टन कांग्रेस से ही नाराज हो लिए. उनका गुस्सा ऐसा रहा कि उन्होंने एक झटके में कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और अकाली दल का दामन थाम लिया.
कांग्रेस ने कर दिया था निलंबित
गौरतलब है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में कांग्रेस ने परनीत को तीन फरवरी 2023 को निलंबित कर दिया था। हालांकि लोकसभा की सदस्यता न जाए, इस वजह से परनीत कौर ने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया था। परनीत पर आरोप लगे कि वह लगातार भाजपा के कार्यक्रमों में जा रही हैं। यही नहीं उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी हिस्सा नहीं लिया था।