इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिवक्ताओं के लिए चैंबर और मल्टी लेवल पार्किंग का उद्घाटन करने के बाद सीजेआई बीआर गवई ने कहा, “यह खुशी की बात है कि सीजेआई बनने के बाद मैंने जो पहला कार्यक्रम प्रयागराज में अटेंड किया, वह मेरे लिए बहुत खुशी की बात है।
उद्घाटन समारोह का विवरण
-
तारीख: शनिवार
-
स्थान: इलाहाबाद (प्रयागराज) हाईकोर्ट परिसर
-
मुख्य अतिथि: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बी.आर. गवई
-
अन्य उपस्थित प्रमुख:
-
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
-
केंद्रीय कानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल
-
इलाहाबाद (प्रयागराज) के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह
-
यूपी पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार
-
सुप्रीम कोर्ट के आठ अन्य जस्टिस, जिनमें न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ शामिल थे
-
मा. उच्च न्यायालय, इलाहाबाद के नवीन अधिवक्ता चैम्बर एवं पार्किंग भवन के उद्घाटन हेतु प्रयागराज में आयोजित कार्यक्रम में… https://t.co/q1jJam6t1c
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) May 31, 2025
उद्घाटन किए गए निर्माण:
-
अधिवक्ता (एडवोकेट) चैंबर ब्लॉक
-
कुल चैंबर आवंटन की प्रक्रिया को ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से संचालित करने वाला सिस्टम भी लॉन्च किया गया।
-
-
मल्टी-लेवल पार्किंग
-
हाईकोर्ट परिसर में बढ़ते अधिवक्ता एवं आगंतुकों के वाहन पार्किंग की समस्या को देखते हुए, इसे वृहद क्षमता वाला और समर्पित कॉम्प्लेक्स बनाया गया।
-
चीफ जस्टिस बी.आर. गवई के उद्गार
-
प्रयागराज में पहला कार्यक्रम:
“सीजेआई बनने के बाद मेरा पहला औपचारिक कार्यक्रम प्रयागराज में होना मेरे लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है।”
-
प्रयागराज का ऐतिहासिक और साहित्यिक महत्व:
-
“योगी आदित्यनाथ जी तो शक्तिशाली मुख्यमंत्री हैं, पर मैं यह कहना चाहूँगा कि प्रयागराज तो ‘शक्तिशाली लोगों की धरती’ है।”
-
“इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनेक कानूनी दिग्गजों जैसे मोतीलाल नेहरू, जेएल नेहरू आदि को जन्म दिया है। साथ ही महादेवी वर्मा, हरिवंश राय बच्चन, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जैसे साहित्यकार भी यहीं से निकले।”
-
“यहां से देशभर में चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों के बलिदान का सम्मान होता है।”
-
-
नव निर्मित सुविधाओं पर संतोष:
-
चैंबर ब्लॉक और पार्किंग के उद्घाटन से अधिवक्ता समुदाय और हाईकोर्ट परिसर का पुरा वातावरण और सुव्यवस्था सुधरेगी।
-
“इसी अनुशासन और सुविधा के साथ इलाहाबाद हाईकोर्ट की प्रतिष्ठा बनी रहेगी।”
-
केंद्रीय कानून राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के विचार
-
निर्माण कार्यों का विवरण:
-
प्रोजेक्टर के माध्यम से चैंबर ब्लॉक और मल्टी-लेवल पार्किंग के वास्तुशिल्प, क्षमता, सुरक्षा तंत्र और ट्रैफिक प्रवाह संबंधी जानकारी प्रस्तुत की गई।
-
-
अहिल्याबाई होलकर का संदर्भ:
“पूरा देश अब देवी अहिल्याबाई की त्रि-शती (300वीं) जयंती मना रहा है। न्यायिक व्यवस्था के लिए भव्य निर्माण होना, यही अहिल्याबाई होलकर का ‘भलाइयाँ करो’ का मंत्र है। गुड गवर्नेंस—यही अहिल्याबाई हमें सिखाती हैं।”
-
संविधान के 75 वर्ष:
“आज हमारी संविधान रचना को 75 वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। हमारी न्यायपालिका सुदृढ़ रूप से देश में शासन-प्रशासन को सुचारु कर रही है।”
-
स्वामी विवेकानंद के उद्धारण:
“स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि 21वीं सदी भारत की होगी—और हम सब मिलकर इसे साकार कर रहे हैं।”
यह विरासत और विकास का वही अभियान है, जिसकी आधारशिला 300 वर्ष पहले 'लोकमाता' अहिल्याबाई होल्कर ने रखी थी: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी महाराज#AhilyaBaiHolkarAt300 pic.twitter.com/GFtNFRAVsP
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) May 31, 2025
उच्च न्यायालय के अन्य जजों के विचार
-
न्यायमूर्ति सूर्यकांत (सुप्रीम कोर्ट):
“इलाहाबाद हाईकोर्ट का गौरवमयी इतिहास रहा है। इस नई इमारत के मॉडल पर प्रदेश के जिला न्यायालयों की आधारभूत संरचनाओं को भी सुदृढ़ बनाया जाना चाहिए।”
-
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ:
“इलाहाबाद बार एसोसिएशन ने हमेशा अनुशासन और साथ्यहकारिता का उदाहरण प्रस्तुत किया है। इस नए भवन का पूर्णतः सदुपयोग करें।”
कार्यक्रम की पृष्ठभूमि और महत्व
-
हाईकोर्ट परिसर की विकास यात्रा:
-
पिछले कई दशकों से, इलाहाबाद (प्रयागराज) हाईकोर्ट में अधिवक्ताओं के चैंबर की अपर्याप्तता तथा पार्किंग की समस्या बनी हुई थी।
-
बढ़ती वकालत संस्थाओं, अधिवक्ता, तथा आम जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, UPSC इमारत निर्माण एवं नैतिक वित्त पोषण के तहत इस परियोजना का शुभारंभ किया गया।
-
-
चैंबर ब्लॉक:
-
अधिवक्ताओं को व्यक्तिगत चैंबर, अध्ययन कक्ष और क्लाइंट-मुलाकात के लिए समर्पित कार्यालय स्थान उपलब्ध कराए गए हैं।
-
ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से चैंबर आवंटन, नवीनीकरण और वार्षिक रिन्यूअल की प्रक्रिया पारदर्शी और आसानी से ट्रैक करने योग्य हो गए हैं।
-
-
मल्टी-लेवल पार्किंग:
-
इस पार्थिव ढांचे में लगभग 4–5 तल निर्माणित हैं, जिससे 300–400 वाहनों तक की पार्किंग क्षमता सुनिश्चित की गई।
-
सुरक्षा तत्वों में CCTV मॉनिटरिंग, गार्ड पोस्ट, अग्नि सुरक्षा तंत्र और आपातकालीन निकासी मार्ग शामिल हैं।
-
अधिवक्ता, कर्मचारी और हाईकोर्ट आने वाले आगंतुकों के लिए लंबे समय की पार्किंग समस्या का स्थाई समाधान माना जा रहा है।
-
#WATCH | Prayagraj | UP CM Yogi Adityanath says, "When we (BJP) came in power, 10 districts didn't have their courts… We wanted the parking facilities and lawyers' chambers to be included in an integrated court complex in the court infrastructure. We have already received… https://t.co/SfIYgfR4TD pic.twitter.com/PMXhpNQBpb
— ANI (@ANI) May 31, 2025
स्थानीय प्रशासन और स्वागत
-
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार द्वारा चीफ जस्टिस का भव्य स्वागत किया गया।
-
प्रयागराज में सुप्रीम कोर्ट के कुल 9 जस्टिस (CJI सहित) सरकारी आवास पर ठहरे हुए, जिससे हाईकोर्ट साहित्यिक और कानूनी धुरी अहमियत फिर से स्थापित हो गई है।
-
उद्घाटन के दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी समारोह में शामिल रहे, जिन्होंने प्रदेश सरकार की तरफ से सुगठित न्यायिक अवसंरचना का समर्थन किया।
इस बड़े उद्घाटन कार्यक्रम के माध्यम से इलाहाबाद हाईकोर्ट:
-
अधिवक्ता समुदाय की कार्यस्थल सुविधा बेहतर हुई,
-
संपूर्ण न्यायालय परिसर का लॉजिस्टिक प्रबंधन सुचारु बना,
-
और न्यायिक अनुशासन एवं संवैधानिक गौरव को बढ़ावा मिला।
CJI बी.आर. गवई के “प्रयागराज शक्तिशाली लोगों की भूमि” वाले उद्गार ने शहर की ऐतिहासिक पहचान को वर्तमान न्यायिक प्रगति से जोड़ दिया। वहीं, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अहिल्याबाई होलकर के “भलाइयाँ करो” के आदर्श को लोकतंत्र और लोककल्याण से जोड़ते हुए न्यायिक अवसंरचना की महत्ता पर बल दिया। इस उद्घाटन ने न केवल हाईकोर्ट परिसर की क्षमताओं को बढ़ाया, बल्कि पूरे प्रदेश और देश में न्यायपालिका के सुदृढ़ीकरण एवं सुशासन की दिशा में एक मजबूत संदेश भी भेजा।