मॉस्को एयरपोर्ट पर ड्रोन अटैक: इंडियन सांसदों की फ्लाइट बाल-बाल बची | ऑपरेशन सिंदूर मिशन के दौरान बड़ा खतरा
घटनाक्रम संक्षेप में:
रूस के मॉस्को एयरपोर्ट पर एक बड़ा ड्रोन हमला हुआ है, जिसकी जिम्मेदारी यूक्रेन पर डाली जा रही है।
हमले के समय भारत का एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल—ऑपरेशन सिंदूर के तहत—वहीं लैंड करने वाला था।
भारतीय डेलिगेशन की स्थिति:
- DMK सांसद कनिमोझी के नेतृत्व में सर्वदलीय सांसदों की टीम रूस के दौरे पर थी।
- यह टीम “ऑपरेशन सिंदूर” के अंतर्गत आतंकवाद के खिलाफ भारत की वैश्विक मुहिम में रूस को अवगत कराने गई थी।
- ड्रोन अटैक के समय भारतीय फ्लाइट मॉस्को एयरस्पेस में थी और उसे घंटों तक हवा में चक्कर लगाना पड़ा।
- सुरक्षा मंजूरी मिलने के बाद ही विमान लैंड कराया गया।
- सभी सांसद और भारतीय प्रतिनिधि पूरी तरह सुरक्षित हैं।
एयरपोर्ट और उड़ानों पर असर:
- हमले के बाद मॉस्को एयरपोर्ट की सभी डोमेस्टिक और इंटरनेशनल उड़ानें रोक दी गईं।
- रनवे को तुरंत खाली कराया गया और सुरक्षा एजेंसियों ने खोजबीन शुरू की।
- ड्रोन हमले के कारण एयरपोर्ट पर अफरातफरी मच गई और यात्रियों को कई घंटों तक इंतजार करना पड़ा।
कौन कर रहा है हमले?
- रूस ने सीधे तौर पर यूक्रेन पर ड्रोन हमले का आरोप लगाया है।
- यूक्रेन ने अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
- यह हमला रूस-यूक्रेन युद्ध के बढ़ते डिजिटल और हवाई आयामों को दर्शाता है।
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की रणनीति
- भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत 7 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल भेजे हैं।
- मकसद:
- वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान को आतंकवाद को लेकर बेनकाब करना।
- भारत की सुरक्षा चिंताओं और कश्मीर में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करना।
- सांसदों की टीम विभिन्न देशों से मिलकर उन्हें आंकड़ों, केस स्टडीज़ और आतंकवाद के प्रमाण दिखाएगी।
संदेश क्या है?
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि:
- अंतरराष्ट्रीय मिशन पर जाने वाली टीमों के लिए सुरक्षा कितनी जटिल और संवेदनशील होती जा रही है।
- भारत वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ संगठित कूटनीतिक प्रयास कर रहा है, और पाकिस्तान की छवि को चुनौती दे रहा है।