उत्तर प्रदेश में हाल ही में ATS ने तीन पाकिस्तानी जासूसों को पकड़ा है। ये गिरफ्तारियाँ वाराणसी, मुरादाबाद और लखनऊ से हुई हैं, और ये तीनों ही मामलों में देश की सुरक्षा से खिलवाड़ का आरोप है।
वाराणसी से तुफैल गिरफ्तार
वाराणसी से तुफैल नाम के एक जासूस को गिरफ्तार किया गया है। उस पर आरोप है कि वह पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहा था और भारत की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारियाँ पाकिस्तान में अपने संपर्कों को भेज रहा था। तुफैल के तार 600 से अधिक पाकिस्तानी फोन नंबरों से जुड़े पाए गए हैं।
तुफैल फेसबुक के जरिए पाकिस्तान के फैसलाबाद की एक महिला नफीसा से भी संपर्क में था, जिसका मियाँ पाकिस्तानी फौज में सेवारत हैं। आरोपी के पास से उसका मोबाइल फोन और सिम कार्ड भी बरामद कर लिया गया है।
तुफैल ने कथित तौर पर पाकिस्तानी आतंकी समूह तहरीक-ए-लब्बैक के नेता मौलाना शाह रिज़वी के वीडियो वॉट्सऐप ग्रुप में साझा किए। इन संदेशों में ‘गज़वा-ए-हिंद’ (भारत पर इस्लामी कब्ज़ा), बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेने और भारत में शरिया कानून लागू करने जैसी भड़काऊ बातें शामिल थीं।
जाँच में यह भी पता चला है कि जासूस तुफैल राजघाट, नमो घाट, ज्ञानवापी, रेलवे स्टेशन और लाल किले जैसे संवेदनशील स्थानों की तस्वीरें पाकिस्तान में भेज रहा था। इसके अलावा, उसने वाराणसी में ऐसे वॉट्सऐप ग्रुप के लिंक भी बांटे थे, जिनसे स्थानीय लोग पाकिस्तानी नेटवर्क से जुड़ सकें।
UP ATS arrests one Tufail s/o Maqsood Alam from Varanasi, on charges of spying for Pakistan. He was sharing important information about India's internal security with Pakistan.
On developing this intelligence, ATS Field Unit Varanasi confirmed that Tufail was in contact with… pic.twitter.com/cw18siTAeI
— ANI (@ANI) May 22, 2025
मुरादाबाद से शहज़ाद गिरफ्तार
दूसरा मामला मुरादाबाद का है, जहाँ शहज़ाद नाम के एक जासूस को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI (इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस) के लिए जासूसी करने और सीमा पार तस्करी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस को एक गुप्त सूचना मिली थी कि शहज़ाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर सक्रिय है और पाकिस्तानी एजेंसी के समर्थन से तस्करी और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त है। इस सूचना के आधार पर, रामपुर जिले के टांडा इलाके के रहने वाले शहज़ाद को मुरादाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया। उस पर भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने सहित कई आरोप लगाए गए हैं।
जाँच में ये भी पता चला है कि शहज़ाद कथित तौर पर ISI के निर्देश पर भारत में एजेंटों को पैसे देता था। उस पर आरोप है कि वह रामपुर और उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों से लोगों की भर्ती करता था। वह उन्हें यह कहकर गुमराह करता था कि वे तस्करी के लिए पाकिस्तान जा रहे हैं, जबकि असल में उन्हें ISI के लिए काम करना था। ISI के लोग उनके वीजा और यात्रा दस्तावेजों का इंतज़ाम करते थे। अधिकारियों का कहना है कि शहज़ाद इन एजेंटों को भारतीय सिम कार्ड भी मुहैया कराता था ताकि वे भारत में जासूसी गतिविधियों को अंजाम दे सकें।
लखनऊ से मोहम्मद हारुन गिरफ्तार
वहीं दिल्ली का रहने वाला मोहम्मद हारुन कबाड़ी का काम करता है और उस पर पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात कर्मचारी मुजम्मल हुसैन के साथ मिलकर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी साझा करने का आरोप है।
एटीएस के मुताबिक, हारुन और मुजम्मल हुसैन मिलकर पाकिस्तान का वीजा दिलाने के नाम पर अलग-अलग खातों से अवैध वसूली भी करते थे। जाँच में पता चला है कि हारुन की पाकिस्तान में रिश्तेदारी है, जिसके चलते वह अक्सर वहाँ आता-जाता रहता था। इसी दौरान उसकी मुलाकात मुजम्मल हुसैन से हुई। मुजम्मल के कहने पर हारुन ने उसे कई बैंक खाते भी मुहैया कराए थे, जिनमें वीजा चाहने वाले लोगों से पैसे डलवाए जाते थे।
ये तीनों गिरफ्तारियाँ दिखाती हैं कि पाकिस्तान अपनी खुफिया एजेंसियों के ज़रिए भारत में घुसपैठ और जासूसी की लगातार कोशिश कर रहा है। उत्तर प्रदेश ATS इन मामलों की गहराई से जाँच कर रही है ताकि इन नेटवर्कों का पूरी तरह से पर्दाफाश किया जा सके और देश की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।