प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को केरल में व्यापक छापेमारी की, जो कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) घोटाले से जुड़ी है। इस मामले में कई राजनेताओं, इलेक्ट्रॉनिक और ऑटोमोबाइल व्यापारियों, सहकारी बैंकों और एक उर्वरक निर्माण कंपनी की भूमिका की जांच की जा रही है।
कौन हैं मुख्य आरोपी?
इस घोटाले का मुख्य संदिग्ध आनंदू कृष्णन है, जिसने गरीब लोगों को ठगकर करोड़ों रुपये इकट्ठा किए। उसने स्कूटर, सिलाई मशीन, घरेलू उपकरण और लैपटॉप आधी कीमत पर देने का झांसा देकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की थी।
कैसे हुआ घोटाला?
- कृष्णन और उसकी टीम ने झूठे प्रस्ताव दिए और गैर सरकारी संगठनों (NGO) व धर्मार्थ संगठनों की CSR गतिविधियों के तहत सस्ते सामान देने का दावा किया।
- इस बहाने लगभग 37 करोड़ रुपये की ठगी की गई।
- ठगी का पैसा किन-किन संस्थाओं और नेताओं तक पहुंचा, इसका पता लगाने के लिए ईडी ने व्यापक छापेमारी शुरू की है।
ईडी की जांच में कौन-कौन शामिल?
सूत्रों के अनुसार, धन शोधन के इस मामले में नेताओं, व्यापारियों, सहकारी बैंकों और उर्वरक कंपनियों की संलिप्तता की जांच हो रही है। जिन संस्थानों और ट्रस्टों को आनंदू कृष्णन से पैसा मिला, उन सभी पर ईडी शिकंजा कस रही है।
क्या हो सकता है आगे?
- ईडी को धोखाधड़ी के पैसों की ट्रांजैक्शन का पूरा ब्योरा निकालना होगा।
- अगर नेताओं या व्यापारियों की संलिप्तता साबित होती है, तो गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
- जांच के दौरान और भी बड़े नाम उजागर हो सकते हैं।
केरल का यह 37 करोड़ रुपये का CSR घोटाला गरीबों को धोखा देकर की गई एक बड़ी वित्तीय हेराफेरी का मामला है। ईडी की कार्रवाई से अब यह साफ हो जाएगा कि इस घोटाले के पीछे कौन-कौन शामिल हैं और ठगी का पैसा किन-किन जगहों पर गया।