भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) ने बुधवार को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की चुनाव तैयारियों पर मंथन किया। बैठक में पार्टी की केंद्र और राज्य की सरकारों की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के असर पर भी चर्चा की गई। बैठक के निष्कर्षों के बारे में सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में पार्टी 50 प्रतिशत सीटों पर नए चेहरों को उतार सकती है।सूत्रों ने बताया कि बैठक में दोनों राज्यों के नेतृत्व ने अपने-अपने फीडबैक दिए।
कमजोर सीटों पर फोकस
सीईसी की बैठक सामान्यत: चुनाव तिथियों की घोषणा के बाद होती है। इस बैठक को इतनी जल्दी करना यह दर्शाता है कि भाजपा के लिए इन राज्यों के विधानसभा चुनाव कितने अहम हैं। सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व से कहा कि वे कमजोर सीटों पर फोकस करें और विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये लोगों से संवाद बनाए रखें। राज्यों के सभी नेताओं से कहा गया कि वे सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्राप्त करने के लिए एकजुट होकर काम करें। बैठक में पहले छत्तीसगढ़ और फिर मध्य प्रदेश पर चर्चा हुई। छत्तीसगढ़ से जुड़ी बैठक में राज्य की 90 में से 27 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा की गई।
BJP poll panel discusses preparations in Madhya Pradesh, leaders told to focus on weak areas
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— ANI Digital (@ani_digital) August 16, 2023
पांच सीटों पर चर्चा
सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने बेहतर योजना के लिए राज्य की सीटों को ए, बी, सी और डी चार श्रेणियों में विभक्त किया है। ए श्रेणी में वे सीटें शामिल हैं जिन्हें भाजपा ने पिछले चुनावों में हर बार जीता है। बी श्रेणी में मिश्रित परिणाम वाली सीटें हैं। सी श्रेणी में वे सीटें शामिल हैं जहां भाजपा कमजोर है। डी श्रेणी में वे सीटें हैं जिन पर भाजपा ने कभी जीत हासिल नहीं की है। बैठक में बी और सी श्रेणी की 22 और डी श्रेणी की पांच सीटों पर चर्चा की गई।
बैठक करीब डेढ़ घंटे चली
छत्तीसगढ़ से संबंधित बैठक लगभग दो घंटे चली। मध्य प्रदेश से जुड़ी बैठक करीब डेढ़ घंटे चली। सूत्रों के मुताबिक बैठक में सरकारी योजनाओं के असर को अधिकतम करने के तरीकों पर चर्चा की गई। साथ ही मध्य प्रदेश की कमजोर सीटों और राज्य के लिए पार्टी के आंतरिक सर्वे पर भी विचार-विमर्श किया गया। बता दें कि इस वर्ष के आखिर में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं। इनमें से सिर्फ मध्य प्रदेश में भाजपा सत्ता में है।