विदेश मंत्री एस. जयशंकर और संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष दूत जूली बिशप के बीच हुई बैठक भारत-म्यांमार संबंधों और क्षेत्रीय स्थिरता के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बैठक में सीमा स्थिरता, शरणार्थी संकट, अंतरराष्ट्रीय अपराध और म्यांमार की आर्थिक सहायता जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
Glad to meet UN Special Envoy of the SG on Myanmar Julie Bishop this evening in Delhi.
Discussed our border stability, refugee situation, trans-national crime out of Myanmar and providing economic support. Exchanged views on the political situation. pic.twitter.com/GbTfLfcKb6
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) March 25, 2025
बैठक के प्रमुख बिंदु:
- सीमा स्थिरता और सुरक्षा:
- म्यांमार में जारी संघर्ष और सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ती हिंसा को देखते हुए भारत अपनी सुरक्षा को मजबूत करने पर जोर दे रहा है। इसी संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने की योजना की घोषणा की थी।
- शरणार्थी संकट:
- म्यांमार में सैन्य शासन के खिलाफ जारी हिंसा के कारण बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं। भारत, विशेष रूप से मणिपुर और मिजोरम, में शरणार्थियों की स्थिति एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ है।
- अंतरराष्ट्रीय अपराध:
- म्यांमार से जुड़े अंतरराष्ट्रीय अपराध, विशेष रूप से हथियारों और ड्रग्स की तस्करी, चिंता का विषय बने हुए हैं। भारत इस पर नियंत्रण के लिए म्यांमार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ समन्वय बढ़ा रहा है।
- आर्थिक सहयोग और व्यापार:
- भारत और म्यांमार के बीच रुपया-क्यात व्यापार निपटान तंत्र को बढ़ावा देने, फार्मास्यूटिकल्स, दालों, बीन्स और पेट्रोलियम उत्पादों में व्यापार सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
- भारत और म्यांमार के नेताओं ने सीमा व्यापार को फिर से शुरू करने और सड़क मार्गों से व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के महत्व को स्वीकार किया।
राजनीतिक संदर्भ और आगे की राह:
म्यांमार में 2021 के सैन्य तख्तापलट के बाद से अस्थिरता बनी हुई है, और लोकतंत्र बहाली को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन जारी हैं। संयुक्त राष्ट्र विशेष दूत जूली बिशप की नियुक्ति और भारत के साथ उनकी चर्चा यह दर्शाती है कि वैश्विक स्तर पर इस मुद्दे पर गंभीर विचार किया जा रहा है।
भारत की नीति संतुलन बनाए रखने की है, जहां एक ओर वह म्यांमार की जनता और लोकतंत्र के समर्थन में खड़ा है, वहीं दूसरी ओर सुरक्षा और आर्थिक हितों को भी प्राथमिकता दे रहा है। आगामी महीनों में भारत-म्यांमार संबंधों में और प्रगति की संभावना है, खासकर सीमा व्यापार और सुरक्षा सहयोग के संदर्भ में।
भारत के लिए म्यांमार केवल एक पड़ोसी देश नहीं, बल्कि सुरक्षा, व्यापार और क्षेत्रीय स्थिरता से जुड़ा अहम रणनीतिक साझेदार है। भारत सीमा सुरक्षा और आर्थिक विकास दोनों पहलुओं को संतुलित करते हुए आगे बढ़ रहा है, और इस दिशा में जयशंकर-बिशप वार्ता महत्वपूर्ण मानी जा रही है।