दिल्ली में बीजेपी की सरकार ने श्रमिकों और छोटे मजदूरों के लिए बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने उसके द्वारा काम पर रखे गए कुशल एवं अकुशल श्रमिकों की न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी की है ताकि उन्हें बढ़ती महंगाई के बीच राहत मिल सके। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। दिल्ली के सचिव सह श्रम आयुक्त ने एक बयान में बताया कि सरकार ने कुशल एवं अकुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी की अधिसूचित दरों में बढ़ोतरी की है। यह बढ़ोतरी केंद्र द्वारा घोषित महंगाई भत्ते की दरों के कारण की गई है।
The Delhi government has announced an increase in the minimum wage rates for workers of all categories. These new rates will be applicable from April 1, 2025. The monthly wage of unskilled workers will now be Rs 18,456, while workers with graduation and above qualifications will… pic.twitter.com/Co3aKtK8Wg
— ANI (@ANI) April 15, 2025
कब से लागू होंगी नई दरें?
नई मजदूरी दरें 1 अप्रैल 2025 से लागू होंगी। संशोधित श्रमिक वेतन के अनुसार अकुशल श्रमिकों का मासिक वेतन अब 18,456 रुपये होगा, जबकि ग्रेजुएशन और उससे अधिक योग्यता वाले श्रमिकों को 24,356 रुपये प्रति माह मिलेंगे।
किसे कितना फायदा?
- अन-स्किल्ड लेबर: 18,066 से बढ़ाकर 18,456 (390 रुपये की बढ़ोतरी)
- सेमी-स्क्ल्डि लेबर: 19,929 से बढ़ाकर 20,371 (442 रुपये की बढ़ोतरी)
- स्क्ल्डि लेबर: 21,917 से बढ़ाकर 22,411 (494 रुपये की बढ़ोतरी)
- मैट्रिक पास नहीं: 19,929 से बढ़ाकर 20,371 (442 रुपये की बढ़ोतरी)
- मैट्रिक पास लेकिन ग्रेजुएट नहीं: 21,917 से 22,411 (512 रुपये की बढ़ोतरी)
- ग्रेजुएट और उससे ऊपर: 23,836 से बढ़ाकर 24,356 (520 रुपये की बढ़ोतरी)
दिल्ली सरकार का यह फैसला श्रमिक वर्ग के लिए एक बड़ी राहत और सकारात्मक पहल है। आइए इसे थोड़ा विस्तार से समझते हैं:
फैसले का लाभ किन्हें मिलेगा?
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निर्माण स्थल (construction sites)
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फैक्ट्रियाँ
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दुकानें और अन्य निजी प्रतिष्ठान
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वहां काम करने वाले:
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अनस्किल्ड मजदूर (जैसे दिहाड़ी श्रमिक)
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स्किल्ड वर्कर
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सेमी-स्किल्ड
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टेक्निकल/ग्रेजुएट लेवल वर्कर
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मुख्य फायदा: आय में इजाफा
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मासिक वेतन में बढ़ोतरी होगी।
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श्रमिकों की क्रयशक्ति बढ़ेगी, जिससे वे महंगाई के दौर में भी बेहतर जीवन जी सकेंगे।
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बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, और आवास जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी करने में आसानी होगी।
दिल्ली मॉडल:
दिल्ली सरकार पहले भी न्यूनतम वेतन बढ़ाने, हेल्थ इंश्योरेंस, और श्रमिक कार्ड जैसी योजनाओं से मजदूर वर्ग को सशक्त बनाने में अग्रणी रही है। यह कदम उसी श्रृंखला का हिस्सा लगता है।
सिर्फ मजदूर नहीं, पूरे समाज को लाभ:
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जब श्रमिकों की आमदनी बढ़ेगी, तो बाज़ार में खर्च भी बढ़ेगा।
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इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बूस्ट मिलेगा।
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साथ ही ये कदम सामाजिक समानता और गरिमा की दिशा में भी एक मजबूत कदम है।