कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए आज प्रचार थम जाएगा. आज शाम 5 बजे चुनाव प्रचार खत्म हो जाएगा. कर्नाटक में 10 मई को मतदान होगा और राज्य की 224 विधानसभा सीटों पर वोटिंग होगी. वहीं, कर्नाटक के चुनावी नतीजे 13 मई को आएंगे अब देखना होगा कि कर्नाटक के रण में कौन बनेगा विजेता? इस बीच, एक बात जिस पर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है कि बीते 38 साल से कर्नाटक लगातार दो बार किसी पार्टी की सरकार नहीं बनी है. हर 5 साल में यहां सरकार बदल जाती है. दक्षिण भारत के राज्य की इस सियासी परंपरा को बदलने के लिए बीजेपी (BJP) ने अपना तुरुप का इक्का चला है. ये कोई और नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ही हैं. कर्नाटक में पीएम मोदी ने जमकर चुनाव प्रचार किया है. बीजेपी का मानना है कि इससे पार्टी को बड़ा फायदा मिलेगा. आइए जानते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी कैसे कर्नाटक विधानसभा चुनाव में गेमचेंजर साबित हो सकते हैं.
बता दें कि बीजेपी के सबसे बड़े स्टार प्रचारक, सबसे बड़े संकट मोचक और सबसे बड़े नायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं. दरअसल, बीजेपी और विरोधियों के बीच पीएम मोदी सबसे बड़ा अंतर साबित होते आए हैं और कर्नाटक चुनाव में भी ये हकीकत सामने आती दिखाई दे रही है क्योंकि दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी ने इस चुनाव में सियासी हवा का रूख मोड़ दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी और उसके समर्थकों के लिए ये नाम ही काफी है. वो नाम जो चुनावी जीत की गारंटी है और एक पक्का यकीन है कि देश की कमान बेहद मजबूत हाथों में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक चुनाव में अपनी पार्टी को सत्ता में बनाए रखने के लिए जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं. उन्हें भरोसा दे रहे हैं कि डबल इंजन की सरकार कैसे सूबे को तरक्की की नई राह पर ले जाने के लिए मुस्तैद है लेकिन इसके लिए कर्नाटक के लोगों के समर्थन की दरकार है.
पीएम मोदी कर्नाटक में पार्टी के लिए तो कर्णधार हैं लेकिन उनके कंधे पर सत्ता विरोधी लहर को थामने की जिम्मेदारी भी है. कई चुनावों में कामयाबी के साथ पीएम ने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया है. लेकिन इस बार तो पीएम बाजी पलटते नजर आ सकते हैं यानी मेनिफेस्टो जिसे कांग्रेस की सबसे बड़ी भूल कहा जा रहा है, पीएम ने उसको बीजेपी के लिए सबसे बड़ी ताकत बना दिया है.