गुजरात हाईकोर्ट ने बेट-द्वारका में सरकारी जमीन पर बनी अवैध दरगाहों और मस्जिदों को गिराने के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। अदालत के इस फैसले के बाद प्रशासन ने फिर से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया तेज कर दी है। पिछले कुछ महीनों से बेट-द्वारका में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से बने निर्माणों पर लगातार बुलडोजर चल रहे हैं, जिससे अब तक बड़े पैमाने पर भूमि को कब्जे से मुक्त कराया जा चुका है।
मुख्य बिंदु:
हाईकोर्ट का फैसला – सभी याचिकाएं खारिज
प्रभावित स्थल – बेट-द्वारका में दरगाहें और मस्जिदें
कार्रवाई जारी – सरकारी जमीन से अवैध निर्माण हटाने का अभियान तेज
सुरक्षा कारण – समुद्री सीमा की सुरक्षा और अवैध गतिविधियों पर रोक
DevBhoomi Dwarka!
The 7 islands of Dwarka district are NOW 100% encroachment-free!
A total of 36 illegal structures have been successfully removed from the seven islands.
Kudos to the Administration and team for their dedication and commitment to preserving our cultural… pic.twitter.com/cOU9AWfoPE
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) January 21, 2025
7 टापू पहले ही हुए थे अतिक्रमण मुक्त
गुजरात सरकार ने कुछ दिन पहले देवभूमि द्वारका जिले के 21 निर्जन टापुओं में से 7 टापुओं को अवैध कब्जे से मुक्त किया था। इन टापुओं पर 36 धार्मिक और व्यावसायिक अवैध निर्माण हटाए गए थे। इनमें खारा चुसणा, मीठा चुसणा, आशाबा, धोरोयो, धबधबो, सामयाणी और भैदर शामिल थे।
सरकारी अभियान का उद्देश्य:
🔹 समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना
🔹 अवैध कब्जों को हटाकर भूमि का संरक्षण
🔹 अतिक्रमणकारियों की पहचान और कानूनी कार्रवाई
गुजरात सरकार और प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सरकारी जमीनों पर अवैध निर्माण किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने भी इस कार्रवाई की जानकारी सोशल मीडिया (X) के माध्यम से साझा की थी।