सुप्रीम कोर्ट वक्फ (संशोधन) अधिनियम की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज कोर्ट में सुनवाई होनी थी मगर वो सुनवाई अब 15 मई तक के लिए टल गई है। कोर्ट ने सुनवाई को अगली तारीख देते हुए कहा कि अभी सरकार के हलफनामे को कोर्ट ने सही देखा देखा नहीं है।
वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 पर सुप्रीम कोर्ट में क्या चल रहा है?
🔹 मामले की पृष्ठभूमि:
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यह अधिनियम संसद के दोनों सदनों से पारित हुआ और 5 अप्रैल को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अधिसूचित हुआ।
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अधिनियम में ‘वक्फ बाय यूजर’ जैसी अवधारणाओं को लेकर विवाद है, जो बिना किसी दस्तावेज़ी स्वामित्व के केवल प्रचलन के आधार पर संपत्ति को वक्फ घोषित करने की अनुमति देती है।
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं:
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अब तक कम से कम पांच याचिकाएं दायर हो चुकी हैं, जिनमें AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की याचिका भी शामिल है।
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याचिकाओं में अधिनियम की वैधता को संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता), 25 (धार्मिक स्वतंत्रता), और 300A (संपत्ति का अधिकार) का उल्लंघन बताया गया है।
सुनवाई की स्थिति:
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केंद्र ने 17 अप्रैल को कोर्ट को भरोसा दिया कि वह 5 मई तक:
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‘वक्फ बाय यूजर’ समेत किसी संपत्ति को गैर-अधिसूचित नहीं करेगा।
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न ही वक्फ बोर्ड या केंद्रीय वक्फ परिषद में कोई नई नियुक्ति करेगा।
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5 मई को सुनवाई होनी थी, परंतु सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार के हलफनामे की समुचित जांच अभी नहीं हुई है, इसलिए अब अगली सुनवाई 15 मई को होगी।
सुनवाई कर रही पीठ:
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प्रधान न्यायाधीश संजय खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार, और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है।
संसद में अधिनियम को लेकर आंकड़े:
सदन | पक्ष में | विरोध में |
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लोकसभा | 288 | 232 |
राज्यसभा | 128 | 95 |
विवाद के मूल बिंदु:
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‘वक्फ बाय यूजर’ की वैधता: क्या बिना दस्तावेज के सिर्फ इस्तेमाल के आधार पर संपत्ति को वक्फ घोषित किया जा सकता है?
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भूमि स्वामित्व विवाद: क्या यह निजी/सार्वजनिक भूमि के अधिकारों का उल्लंघन है?
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वक्फ बोर्ड की शक्तियाँ: क्या वक्फ बोर्ड को न्यायिक प्रक्रिया के बिना संपत्ति पर नियंत्रण का अधिकार होना चाहिए?
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