भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनावपूर्ण माहौल में सीजफायर पर सहमति बनी है, लेकिन भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी उल्लंघन पर सख्त सैन्य कार्रवाई होगी।
अब तक की प्रमुख घटनाएं:
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पहलगाम में आतंकी हमला → भारत ने 7 मई को “ऑपरेशन सिंदूर” शुरू किया।
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भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को ड्रोन और मिसाइलों से निशाना बनाया।
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अगले दिन पाकिस्तान ने जवाबी हमले की कोशिश की, लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी मिसाइलें व ड्रोन निष्क्रिय कर दिए।
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भारत ने फिर से पाकिस्तानी एयरबेस और रडार सिस्टम पर हमला किया।
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पाकिस्तानी DGMO ने भारत से सीजफायर की पेशकश की — बैठक आज (12 मई) हो रही है।
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi chairs a meeting at 7, LKM.
Defence Minister Rajnath Singh, EAM Dr S Jaishankar, NSA Ajit Doval, CDS, Chiefs of all three services present. pic.twitter.com/dwhLeRvYgz
— ANI (@ANI) May 12, 2025
PM मोदी का स्पष्ट संदेश:
“भारत की सशस्त्र सेनाएं देश की शांति को भंग करने वाले किसी भी प्रयास का मुंहतोड़ जवाब देंगी। सीजफायर का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
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पीएम मोदी ने अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस से बातचीत में भी स्पष्ट किया कि भारत को किसी मध्यस्थता की जरूरत नहीं है।
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उन्होंने कहा कि सेनाएं ही जवाब देंगी – और जवाब निर्धारित, निर्णायक और पूर्ण होगा।
ऑपरेशन सिंदूर: अब भी जारी
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ANI के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को एक स्पष्ट संदेश दिया है:
“पाकिस्तान में कोई भी स्थान अब उनके लिए सुरक्षित नहीं है।“
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भारतीय सूत्रों ने कहा:
“वे सोचते हैं कि ट्रेनिंग कैंप से निकलकर चार मंजिला बंगलों में छिप जाएंगे और बच जाएंगे? हम उन्हें वहां भी ढूंढ़ निकालेंगे।“
हाईलेवल सुरक्षा बैठक: दिल्ली में
बैठक में शामिल शीर्ष अधिकारी:
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
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विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर
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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल
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CDS और तीनों सेनाओं के प्रमुख
आगे की संभावनाएं:
पहलू | स्थिति |
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सीजफायर बैठक | आज DGMO स्तर पर |
ऑपरेशन सिंदूर | अब भी जारी |
पाक हमले का जवाब | तेज़, प्रिसाइज़, और पूरी तैयारी से |
राजनीतिक रुख | भारत मध्यस्थता नहीं चाहता, अपनी नीति स्पष्ट कर चुका है |
सीजफायर समझौता भारत की कमजोरी नहीं, एक रणनीतिक विराम है। लेकिन पाकिस्तान को यह स्पष्ट संकेत मिल चुका है कि यदि वह फिर से सीमा पार आतंकवाद या सैन्य उकसावे का सहारा लेता है, तो भारत कई गुना अधिक ताकत से जवाब देगा।