भारतीय सेना की मध्य कमान ने मुख्यालय उत्तर भारत क्षेत्र के बरेली सैन्य स्टेशन में आयोजित एक भव्य अलंकरण समारोह में अपने वीर और प्रतिष्ठित सैनिकों और इकाइयों को सम्मानित किया।
मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम, वाईएसएम, ने पुरस्कार विजेताओं को उनकी असाधारण बहादुरी, कर्तव्य के प्रति सराहनीय समर्पण और राष्ट्र के प्रति विशिष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया। उन्होंने यूनिटों को उनकी असाधारण व्यावसायिकता और अद्वितीय उपलब्धियों के लिए जीओसी-इन-सी मध्य कमान यूनिट प्रशंसा पत्र भी प्रदान की।
सम्मान:
- लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता (जीओसी-इन-सी, मध्य कमान) ने अपने वीर और प्रतिष्ठित सैनिकों और इकाइयों को सम्मानित किया।
- 11 सेना पदक (वीरता), 03 सेना पदक (विशिष्ट) और 06 विशिष्ट सेवा पदक (वीएसएम) सहित कुल 20 सैन्य कर्मियों को पुरस्कार से नवाजा गया।
- 22 इकाइयों को जीओसी-इन-सी मध्य कमान यूनिट प्रशंसा पत्र प्रदान किए गए।
- 09 सूर्या ट्रॉफियां दी गईं, जो स्वच्छ और हरित सैन्य स्टेशनों की श्रेणी में विभिन्न प्रतिष्ठानों को प्रदान की गईं।
- सेल्फलेस सेवा: कार्यक्रम के दौरान, प्रत्येक वीर सैनिक की बहादुरी के किस्से सुनकर सभी उपस्थित लोग गर्व से भरे हुए थे, जिनमें सैनिकों के परिवार भी शामिल थे।
बार टू सेना पदक (वीरता) – लेफ्टिनेंट कर्नल नितिन कुमार सिंह
सेना पदक (वीरता) – लेफ्टिनेंट कर्नल विवेक कुमार सिंह, मेजर पुष्पिंदर सिंह वर्मा, मेजर तुफैल अहमद, मेजर गोविंद सिंह, मेजर रामसागर पांडे, कैप्टन विमान्यु त्यागी, सूबेदार हरवीर सिंह (सेवानिवृत्त), हवलदार सुदेश कुमार, नायक लोकिंदर शर्मा, कार्यवाहक लांस दफादार (एएलडी) राजेश कुमार, पैराट्रूपर सुशील।
सर्वश्रेष्ठ घोषित स्वच्छ और हरित सैन्य स्टेशन – श्रेणी – 1 (10 हजार से अधिक जनसंख्या) में – सैन्य स्टेशन मुख्यालय महू, लखनऊ और बरेली, श्रेणी – 2 (5 हजार से 10 हजार जनसंख्या) – सैन्य स्टेशन मुख्यालय वाराणसी, कानपुर और अवेरीपट्टी, श्रेणी – 3 (5 हजार 10 हजार से कम जनसंख्या) – सैन्य स्टेशन मुख्यालय लैंसडाउन, जमशेदपुर और शाहजहाँपुर।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता का संदेश:
- नारी शक्ति और परिवार की भूमिका: पुरस्कार विजेताओं के परिवारों का भी योगदान सराहा गया।
- आगे का संदेश: सभी रैंकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों से अनुरोध किया गया कि वे राष्ट्र की सेवा में खुद को समर्पित करें।
- समारोह की अंतिम भागीदारी: पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत करके भारतीय सेना की परंपराओं की सराहना की गई।