देवभूमि द्वारका और उसके आसपास के सात द्वीपों पर अवैध निर्माण को हटाने का अभियान सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मेगा डिमोलिशन ड्राइव ने न केवल सरकारी जमीन को मुक्त कराया बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी इसे एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
मुख्य बिंदु:
अवैध निर्माण हटाए गए:
- द्वारका और बेट द्वारका:
- सात द्वीपों पर मस्जिद सहित अन्य अवैध धार्मिक, वाणिज्यिक और आवासीय निर्माणों को हटाया गया।
- इनमें खारा चूषणा, मीठा चूषणा, आशाबा, धोरियो, धबढ़बो, सामयानी और भैदर जैसे द्वीप शामिल हैं।
- कुल 36 अवैध निर्माण हटाए गए।
सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण:
- इन अवैध निर्माणों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया था।
- अभियान के दौरान 1000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया।
डिमोलिशन ड्राइव की प्रक्रिया:
- लंबे समय से सर्वे:
- रेवन्यू विभाग ने व्यापक सर्वेक्षण और कानूनी प्रक्रियाओं के बाद कार्रवाई शुरू की।
- नोटिस जारी:
- नगरपालिका ने 250 से अधिक नोटिस जारी किए थे।
- जमीन मुक्त:
- अभियान के तहत एक ही दिन में 6 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की जमीन से अवैध कब्जा हटाया गया।
सरकार और प्रशासन का रुख:
- गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी का ट्वीट:
- मंत्री ने अभियान की सराहना करते हुए कहा, “सात द्वीप समूह पर 36 अवैध निर्माण हटाए गए हैं।”
- यात्राधाम के विकास की ओर ध्यान:
- द्वारका और बेट द्वारका के कोरिडोर प्रोजेक्ट के लिए यह अभियान महत्वपूर्ण था।
सामाजिक और कानूनी महत्व:
- यह अभियान सरकार की अवैध निर्माणों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का उदाहरण है।
- धार्मिक स्थलों का दुरुपयोग और सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे को रोकने के लिए यह कार्रवाई एक नजीर बन सकती है।
यह मेगा डिमोलिशन ड्राइव न केवल द्वारका क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक थी बल्कि इससे सुरक्षा और सरकारी भूमि के संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।